शिवजी की उपासना पूजा के क्या है नियम,जानें

By AV News 1

सावन माह में सोमवार व्रत का विशेष महत्व है। कहते हैं सावन सोमवार का व्रत रखने से भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है। सावन में लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है और इस माह में जो भी भक्त उनकी आराधना करता है उनकी हर मुराद पूरी हो जाती है।

इस साल 22 जुलाई 2024 से सावन की शुरुआत हुई थी और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इस बार सावन में कुल 5 सोमवार पड़ रहे हैं। 29 जुलाई को दूसरा सावन सोमवार का व्रत रखा जाएगा। तो आइए जानते हैं कि इस किस रंग के कपड़े पहनकर शिवजी की उपासना करनी चाहिए और पूजा के क्या नहीं नियम है।

सफेद रंग
सावन सोमवार के दिन सफेद रंग के कपड़े पहनना भी शुभ माना गया है। शिवजी को यह रंग भी प्रिय है। सफेद रंग शांति, शुद्धता और सरलता का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने वातावरण शुद्ध दिव्य बन जाता है। सफेद रंग के कपड़े पहने भोलेनाथ की उपासना करने से मन को शांति मिलती है।

हरे रंग के कपड़े
सावन में हरे रंग के कपड़े पहनने से भोलेशंकर प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि हरे रंग को प्रकृति से जोड़ कर देखा गया है और भगवान शिव को प्रकृति से अत्यंत प्रेम है। हरे रंग के कपड़े पहनकर सावन सोमवार की पूजा करने शिवजी के साथ माता पार्वती की भी कृपा मिलती है। हरा रंग जीवन में खुशहाली और सकारात्मकता लाता है।

आसमानी रंग-
सावन सोमवार की पूजा आसमानी रंग के कपड़े पहनकर भी किया जा सकता है। माना जाता है कि आसमानी रंग भी भोले भंडारी को अति प्रिय है। नीला रंग आकाश, समुद्र और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।

सावन सोमवार की पूजा के दौरान पहनें इन रंग के कपड़े
आसमानी, हरा और सफेद के अलावा पीला, केसरिया और लाल रंग के कपड़े पहनकर भी शिवजी की आराधना करना फलदायी साबित होगा। इन रंगों के कपड़े पहनकर सावन सोमवार की पूजा करने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। काला और नीला रंग के कपड़े पहने शिवजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। ये रंग शुभ नहीं माना गया है।

सावन सोमवार पूजा नियम
सावन सोमवार के दिन शिवलिंग का जल से अभिषेक जरूर करें।
सावन सोमवार व्रत में अन्न का सेवन नहीं करें केवल फलाहार ही करें।
सावन के दूसरे सोमवार के दिन शिवजी को भांग, दही, दूध, शहद, मालपुआ, सफेद बर्फी और पंचामृत का भोग लगाएं।
शिवलिंग पर सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी के फूल और टूटे हुए चावल अर्पित न करें।
शिवलिंग पर कभी भी शंख से जलाभिषेक न करें। शिवजी की पूजा में शंख का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।
शिवलिंग पर नारियल का पानी भी भूलकर अर्पित न करें। वरना शिवजी आपसे नाराज हो सकते हैं।
शिवलिंग पर कटे-फटे और खंडित बेलपत्र भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

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