शुक्र प्रदोष व्रत से मिलता है सौभाग्य का वरदान, जानें महत्व, तिथि और व्रत विधि

हर माह की त्रयोदशी तिथि को शिव प्रदोष व्रत किया जाता है। इस व्रत का नाम सप्ताह के दिन के हिसाब से लिया जाता है। इस बार शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने से यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस बार 27 नवंबर 2020 को शुक्र प्रदोष व्रत किया जाएगा। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान व्रत करने और भगवान शिव का पूजन करने से पारिवारीक जीवन सुखमय होता है। सभी प्रकार के रोग-शोक का नाश हो जाता है। जानिए इस व्रत की विधि…

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

इस बार प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए यह व्रत सौभाग्य और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला होगा। इस व्रत को करने से जीवन में किसी प्रकार से कोई अभाव नहीं रहता है। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल यानि संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग एक घंटे पहले से लेकर सूर्यास्त के बाद तक की जाती है।

शुक्र प्रदोष व्रत विधि

  • शुक्र प्रदोष व्रत के दिन  सूर्योदय से पूर्व उठें।
  • स्नानादि करने के पश्चात स्वच्थ सफेद या फिर गुलाब रंग के वस्त्र धारण करें।
  • भगवान के समक्ष व्रत का संकल्प करें और धूप दीप जलाने के बाद सूर्य देव को तांबे को लोटे से अर्घ्य दें।
  • पूरे दिन निराहार व्रत करें।  जल ले सकते हैं।
  • प्रदोष व्रत  के दिन पूरा समय भगवान शिव का ध्यान करें।
  • शिव जी के पंचाक्षर मंत्र सारा ॐ नमः शिवाय मन ही मन जाप करते रहे।
  • प्रदोष काल यानि संध्या के समय में भगवान शिव की पूजा आरंभ करें।
  • सबसे पहले दूध दही घी शहद और शक्कर से पंचामृत बनानकर शिव जी को स्नान करवाएं।
  • पंचामृत से स्नान करवाने के बाद शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
  • शिव जी को पंचोपचार रोली, मौली चावल, धूप और दीप से पूजन करें
  • भगवान शिव को चावल की खीर और फल आदि अर्पित करें।
  • शुक्र प्रदोष व्रत की कथा पढ़े या सुनें।
  • पूजन के स्थान पर आसन बिछाकर ”ऊं नमः शिवाय मंत्र” का कम से कम एक माला यानि 108 बार जाप करें।

प्रदोष व्रत के नियम और सावधानियां

  • प्रदोष व्रत के दिन किसी भी प्रकार के बुरे विचार अपने मन में न लाएं।
  • शिव जी की पूजा करते समय काले रंग के वस्त्र धारण न करें।
  • सभी से आदर पूर्वक व्यव्हार करें। किसी को अपशब्द न बोलें।
  • अपने माता-पिता गुरु और बड़ो का सम्मान करें।
  • अगर प्रदोष व्रत के घर आपके घर कोई स्त्री आती है तो उसे मिठाई खिलाएं और जल भी अवश्य पिलाएं

Related Articles