संत का बदला रुख नहीं लड़ेंगे चुनाव?

चारधाम मंदिर में संतों ने किया मंथन
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
उज्जैन दक्षिण क्षेत्र में त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार कम
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:क्रांतिकारी संत अवधेशपुरी का उज्जैन दक्षिण क्षेत्र से चुनाव लडऩा अब खटाई में पड़ता नजऱ आ रहा है। भाजपा और संघ के साथ हुई चर्चा के बाद संकेत मिला है कि वे अब अपना नामांकन दाखिल नहीं करेंगे। चारधाम मंदिर में शुक्रवार को हुई बैठक के बाद भी यह बदलाव आने की चर्चा है।
स्वास्तिक पीठ के पीठाधीश्वर संत अवधेशपुरी ने दक्षिण क्षेत्र से चुनाव लडऩे की घोषणा कर भाजपा की नींद उड़ा दी थी। संघ के भी कान खड़े हो गए थे। शक्रवार को चारधाम मंदिर पर साधु-संतों की एक बैठक भी बुलाई गई, जिसमें उनके चुनाव लडऩे पर मंथन किया गया। सूत्रों के अनुसार महामंडलेश्वर स्वामी शांतिस्वरूपानंद जी ने भी उनको यह संदेश दिया है कि चुनाव लडऩा उचित कदम नहीं है।
हार मिलने पर प्रतिष्ठा भी प्रभावित होगी। इसके लिए कार्यकर्ताओं का समूह चाहिए और आर्थिक रूप से भी सक्षम होना जरूरी है। हालांकि अवधेशपुरी ने दावा किया है कि संतों ने उनके फैसले का समर्थन किया है। वे यह भी कह रहे हैं कि धर्म के जिन मुद्दों के लिए वे लडऩा चाह रहे अगर उनको लेकर ठोस आश्वासन मिल जाए तो चुनाव लडऩे की क्या जरूरत। इस ‘शब्दबाण’ से उन्होंने चुनाव नहीं लडऩे का रास्ता भी निकाल लिया है।
गंभीरता से कर रहा विचार
चुनाव लडऩे के फैसले पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं। धर्म के जिन मुद्दों को लेकर मैंने चुनाव लडने की घोषणा की थी, अगर उनको लेकर ठोस आश्वासन मिल जाए तो ज्यादा अच्छा, क्योंकि मेरा भी यही उद्देश्य है। हालांकि संतों का मुझे समर्थन मिल रहा है।-अवधेशपुरी, पीठाधीश्वर स्वस्तिक आश्रम
चुनाव लडऩा आसान काम नहीं
राजनीति की राह बड़ी कठिन होती है। संत के लिए चुनाव लडऩा आसान काम नहीं। समर्थकों का बड़ा समूह चाहिए। इस मामले में गंभीरता से विचार करके ही निर्णय लेना चाहिए।-स्वामी शांतिस्वरूपानंद, महामंडलेश्वर चारधाम मंदिर









