उज्जैन। भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का आज उज्जैन और इंदौर आगमन नए समीकरणों को जन्म देगा। आज वह दिन रहेगा,जो तय करेगा कि आगे भाजपा की राजनीति मध्यप्रदेश में किस करवट बैठेगी।
सिंधिया ने समभाव रखते हुए जो रणनीति बनाई है,उससे प्रदेश नेतृत्व चौंका है। हालांकि उन्होने राजनीतिक स्तर पर सहमती बनाकर ही दोनों शहरों का दौरा तय किया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका प्रदेश की राजनीती में आने वाले समय में कैसी होगी, यह संदेश उन्होने राजनीतिक गलियारों में दे दिया है। एक समय तक अपने रिजर्व स्वभाव के चलते कार्यकर्ताओं से दूर होने की आलोचना झेल चुके सिंधिया ने राजनीति में व्यावहारिक करवट ले ली है। वे आज उज्जैन प्रवास के दौरान जहां सांसद, विधायक,मंत्री के निवास पर पहुंच रहे हैं सिंधिया के उज्जैन उत्तर में राजेंद्र भारती तो दक्षिण में संजय ठाकुर के रूप में पूर्व में दो सिपहसालार थे। आगामी समय में जिले की राजनीति में उनके समर्थकों को एकजुट रखने के लिए ये दोनों ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
यही स्थिति इंदौर जिले की है। वे इंदौर में भी मंत्री, विधायक, सांसद और कैलाश विजयवर्गीय से मिलकर जहां राजनीतिक दूरियां कम करेंगे वहीं उज्जैन के अलावा इंदौर संभाग में बिखर गए अपने समर्थकों के लिए नया प्लेटफार्म तैयार कर लेेंगे। इन नए राजनीतिक समीकरणों की किसी को कल्पना नहीं थी। भाजपा में यह चर्चा जोरों पर है कि सिंधिया का पहला ही कदम चौकाने वाला हो गया है। इससे यह लक्षित होता है कि आने वाले समय में वे प्रदेश की राजनीति में समभाव रखते हुए अपने कद को बढ़ाएंगे। इसमें केंद्रीय सहमति भी नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में भाजपा का शक्ति संतुलन इस समय शिवराजसिंह चौहान के आसपास ही केंद्रीत है। इस केंद्र बिंदु से हटकर दूसरा व्यक्तित्व संगठन में वी डी शर्मा के रूप में उभरा था। अब त्रिकोण का तिसरा कोना ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में सामने आया है जो सारी दिशाओं को बदलने के लिए काफी है।