अजीब नज़ारा, नहीं देख सकेगा उज्जैन…धरती पर कहीं होगा पूर्ण ग्रहण और कहीं वलयाकार
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।दस साल के लंबे अंतराल बाद हाइब्रिड यानी संकर सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को होगा, लेकिन यह दुर्लभ नज़ारा कालगणना के केंद्र माने जाने वाले उज्जैन में दिखाई नहीं देगा।
साल की यह पहली बड़ी खगोलीय घटना होगी, क्योंकि यह एक अलग सूर्यग्रहण होता है। भारत के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में ऑस्ट्रेलिया तक दिखाई देने की उम्मीद है।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. आरपी गुप्त ने बताया यह सूर्यग्रहण दुर्लभ खगोलीय घटना है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में धरती के कुछ स्थानों पर पूर्ण ग्रहण होगा, जबकि अन्य क्षेत्रों में वलयाकार ग्रहण दिखाई देगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में, यह कुछ स्थानों पर वलयाकार ग्रहण के रूप में इसलिए दिखाई देगा क्योंकि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है।
कुछ अन्य स्थानों पर यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण के रूप में दिखाई देगा क्योंकि चंद्रमा की छाया पृथ्वी की सतह पर चलती है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वार्षिक ग्रहण डेटा के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को होगा। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का ट्रैक दक्षिणी हिंद महासागर से शुरू होता है और ऑस्ट्रेलिया तक फैला होगा।
एक दशक में एक बार
संकर सूर्य ग्रहण एक दशक में एक बार होने वाली खगोलीय घटना है। पिछली बार ऐसा ही ग्रहण 2013 में हुआ था और अगला ग्रहण नवंबर 2031 में होगा। इस साल चार ग्रहण होंगे। 20 अप्रैल के संकर ग्रहण के अलावा मई में चंद्र ग्रहण, अक्टूबर में वलयाकार और आंशिक सूर्य ग्रहण भी होंगे।