जन्मतिथि दर्ज करने में बड़ी लापरवाही, बच्चों को होगी परेशानी
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन यू-डाइस पोर्टल पर स्कूली बच्चों की डाटा इंट्री में लापरवाही होने के कारण प्रदेश के लाखों बच्चों की जन्मतिथि अदल गई है। नतीजतन10वीं-12वीं के अनेक विद्यार्थियों की पोर्टल पर उम्र 3 से 4 साल की हो गई है।
तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था के बाद भी मप्र के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले लाखों बच्चों की जन्मतिथि यू-डाइस पोर्टल पर ही बदल गई है। 10वीं और 12वीं के साथ दूसरी कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों की उम्र पोर्टल पर 3 से 4 साल की हो गई है। ऐसे में इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी आएगी।
गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद राज्य शिक्षा केंद्र की तरफ से एक पत्र जारी करके सभी कलेक्टरों को बताया गया कि सत्र 2023-24 में कक्षा 1 से 12वीं तक पढऩे वाले बच्चों की मैपिंग के दौरान पता चला कि इनकी यू-डाइस पोर्टल पर उम्र 3 से 4 वर्ष दर्ज हो गई है। इसे 31 मई तक ठीक कराया जाए। इस अवधि को बीते १५ दिन हो गए हैं और इसे ठीक नहीं किया जा सका है। ऐसे में इस सत्र में इन बच्चों को शासन की नि: शुल्क पाठ्यपुस्तक, यूनिफार्म, स्कॉलरशिप और मध्याह्न भोजन से वंचित होने का खतरा है। बीते साल ही भारत सरकार के यू-डाइस पोर्टल पर सभी राज्यों के बच्चों की जानकारी भरने की शुरूआत की गई। पहले ही साल में मप्र से इस जानकारी को भरने में बड़ी गड़बड़ी सामने आ गई। अफसरों का कहना है कि हम इसे ठीक करवा रहे हैं।
तीन स्तरीय निगरानी व्यवस्था, फिर भी गड़बड़ी
यू-डाइस पोर्टल पर डाटा इंट्री की निगरानी के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था थी। इसके बाद भी गड़बड़ी हो गई। डेटा शिक्षकों को भरना था। प्रिंसिपल, जन शिक्षक और बीआरसीसी के पास मॉनिटरिंग का जिम्मा था। फिर भी गड़बड़ी हुई। बता दें कि भारत सरकार ने बीते साल निर्देश दिए कि अब सभी राज्य अपने यहां सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की जानकारी यू-डाइस पोर्टल पर रजिस्टर्ड करेंगे। यह काम शिक्षकों को करना था और इसकी मॉनिटरिंग का जिम्मा स्कूल प्रिंसिपल, जन शिक्षक और बीआरसीसी की थी। तीन स्तरीय निगरानी होने के बाद भी गलत डाटा फीड हुआ। स्कूलों में बात की तो पता चला कि स्कूलों में इस काम को अप्रशिक्षित कर्मचारियों से करवाया गया था।
पहली बार यू-डाइस पर डाटा अपलोडिंग की गई है। बल्क में एक्सल शीट अपलोड करने के दौरान कुछ गड़बड़ी हुई है। गड़बड़ी पूरी तरह पकड़ में आ गई है और हम इसे ठीक करवा रहे हैं।
उमा माहेश्वरी, अपर मिशन संचालक, राज्य शिक्षा केंद्र।