Monday, December 11, 2023
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12 घंटे में दूसरे युवक की शिप्रा नदी में डूबने से मौत

सुबह 4.30 बजे सिद्ध आश्रम घाट पर हुआ हादसा…

12 घंटे में दूसरे युवक की शिप्रा नदी में डूबने से मौत

दोस्त ने बताया- हाथ जोड़े, पैर पड़े कोई बचाने नहीं आया

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन। शिप्रा नदी में डूबने से लोगों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा वहीं जिम्मेदारों द्वारा लोगों की सुरक्षा के कोई उपाय नहीं किये जा रहे। यही कारण है कि पिछले 12 घंटों में अलग-अलग घाटों पर नहाने गये युवकों की गहरे पानी में डूबने से मृत्यु हो गई।

अमित पिता राजू कुण्डे 19 वर्ष निवासी पिपलानी भोपाल अपने 7 दोस्तों के साथ ट्रेन से उज्जैन दर्शन करने आया था। सभी दोस्त सुबह करीब 4 बजे शिप्रा नदी के सिद्ध आश्रम घाट पहुंचे। यहां पहले तीन दोस्त नदी में नहाने उतरे और कुछ ही देर में पानी से बाहर निकल आये।

इसके बाद चार दोस्त नदी में डुबकी लगाने गये। इस दौरान अमित का काई की वजह से पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूब गया जिससे उसकी मौत हो गई, जबकि हेमंत पिता रमेश अकोदिया 38 वर्ष निवासी नेहरू नगर नानाखेड़ा की रविवार शाम 5 बजे भूखी माता घाट पर डूबने से मृत्यु हुई। इस प्रकार पिछले 12 घंटों में भूखी माता और सिद्ध आश्रम घाट पर डूबने से दो युवकों की मृत्यु हो चुकी है।

गोताखोर सुबह 7 बजे आए

अमित के दोस्तों ने बताया कि अमित नदी में डूब रहा था तो हमने शोर मचाया। पुलिस व होमगार्ड वाले वहां आए उनके हाथ जोड़े पैर पड़े और अमित को बचाने की गुहार लगाई तो वे बोले हमें तो तैरना ही नहीं आता… दोस्तों ने अपनी-अपनी पेंट को बांधा और रस्सी बनाकर नदी में फेंका ताकि उसे पकड़कर अमित बाहर आ जाए लेकिन सफलता नहीं मिली। सुबह 4.30 बजे अमित गहरे पानी में डुब चुका था। घाट पर तैराक नहीं थे। होमगार्ड व पुलिस की सूचना पर सुबह 7 बजे तैराक यहां पहुंचे और गहरे पानी से अमित का शव बाहर निकाला।

10 वीं का छात्र था युवक, पिता मजदूर

अमित के दोस्तों ने बताया कि वह 10 वीं की पढ़ाई करता था। हम सभी एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। अमित 4 भाई बहन हैं। उसके पिता मजदूरी करते हैं। घर पर देवदर्शन का कहकर उज्जैन आये थे। दर्शन तो नहीं कर पाये लेकिन दोस्त की जान चली गई।

न खतरे की जंजीर न चेतावनी के बोर्ड

अमित के साथ आये दोस्त सौरभ ने बताया कि जिस घाट पर नहा रहे थे वहां न तो गहरे पानी की तरफ न जाने के लिये कोई जंजीर या रस्सी नहीं बंधी थी और न ही गहरे पानी की चेतावनी का कोई बोर्ड लगा था। तैराक या गोताखोर भी घाट पर मौजूद नहीं थे।

पुलिस प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही के कारण ही अमित गहरे पानी में डूबा क्योंकि वह घाट पर बैठकर नहा रहा था। सात दोस्तों में किसी को तैरना नहीं आता। डुबकी लगाने के दौरान काई से उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूबा। महाकाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक के परिजनों को सूचना दी है।

डेढ़ घंटे घाट पर पड़ा रहा शव

अमित का शव सुबह 7 बजे गहरे पानी से निकालने के बाद शव को घाट पर रख दिया गया। अब जरूरत थी शव वाहन की जिसके लिये पुलिस ने नगर निगम को सूचना दी लेकिन डेढ़ घंटे तक शव वाहन घाट पर नहीं आया। अमित के दोस्तों ने बताया कि नग्न हालत में पड़े शव पर हमने गमछा डाल दिया, लेकिन किसी भी जिम्मेदार का दिल नहीं पसीजा।

ड्रायवर शव वाहन लेकर घाट तक आया लेकिन उसमें शव को उठाने और वाहन में रखने वाला कोई नहीं था। दोस्तों ने बताया कि शव वाहन से स्ट्रेचर उठाकर हमने ही शव को वाहन में रखा और जिला अस्पताल पहुंचने पर शव को उठाकर पीएम रूम में रखा।

11 को सूरत का बालक भी डूबा था

शुभम पिता रामधर 14 वर्ष निवासी कस्बा उदना डिंडोली जिला सूरत अपने माता पिता व रिश्तेदारों के साथ उज्जैन दर्शन करने आया था। सुबह करीब 8.30 बजे उक्त लोग रामघाट पर स्नान करने पहुंचे। शुभम भी परिजनों के साथ घाट की सीढिय़ों पर खड़े होकर नहा रहा था तभी काई के कारण उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में चला गया।

परिजनों के शोर मचाने पर तैराकों ने उसे गहरे पानी से निकाला परिजन उसे ई रिक्शा से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां ओपीडी में डॉक्टर ने परीक्षण के बाद शुभम को मृत घोषित कर दिया।

दो बार नदी पार करने के बाद भी डूब गया युवक

इधर भूखी माता घाट पर नदी में डूबे हेमंत अकोदिया के भाई नवीन ने बताया कि हेमंत तैराक था। रविवार शाम अपने दोस्तों के साथ भूखी माता घाट पर नहाने गया था। उसके दोस्तों ने बताया कि दो बार हेमंत ने तैरकर नदी पार की और तीसरी बार में लौटते समय नदी में डूबा। वह फर्नीचर बनाने का काम करता था।

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