मंडी में पीले सोने की आवक 125 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां पहुंची

4 हजार रुपए प्रति क्विंटल से शुरू हुई बोली, 4500 रुपए तक पहुंची
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आने वाले दिनों में बढ़ेगी सोयाबीन की आवक

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। चिमनगंज स्थित कृषि उपज मंडी इन दिनों पीले सोने की आवक से गुलजार है। हालांकि, सोयाबीन की आवक फिलहाल कम है लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में यह बढ़ेगी। मंगलवार को मंडी में आसपास के गांवों से किसान सोयाबीन की करीब 125 ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर पहुंचे।
10 बजे से नीलामी की शुरुआत हुई। ४ हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव से शुरू हुई बोली 4500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंची। हालांकि, किसानों का कहना है कि सोयाबीन के भाव कम मिल रहे हैं लेकिन व्यापारियों का मत है कि सोयाबीन की क्वालिटी के हिसाब से उसके भाव तय होते हैं। अभी सोयाबीन छोटे दाने की या दाग लगी आ रही है इसलिए उसकी कीमत कम है। उच्च क्वालिटी की सोयाबीन के भाव बढ़ भी सकते हैं।
चने और तुअर की दालों की भंडारण सीमा तय
इधर, सरकार ने गेहूं के बाद अब दाल (तुअर और चना) के भंडारण की सीमा तय कर दी है। फुटकर विक्रेता अब 5 मीट्रिक टन और थोक विक्रेता 200 मीट्रिक टन से अधिक भंडारण नहीं कर सकेंगे। भंडारण का लेखा-जोखा रखना अनिवार्य है, और अधिक भंडार मिलने पर राजसात की कार्रवाई हो सकती है।
हालांकि उज्जैन जिले में दालों के बड़े व्यापारियों की संख्या नहीं के बराबर है। भारत सरकार के निर्देश पर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बड़ी श्रृंखला वाले खुदरा विक्रेता के लिए प्रत्येक दाल के लिए प्रत्येक आउटलेट पर पांच मीट्रिक टन और प्रत्येक डिपो में 200 मीट्रिक टन दाल के भंडारण की सीमा रहेगी मिलर तीन माह के उत्पादन अथवा वार्षिक संस्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत तक भंडार रख सकते हैं। भंडारण का लेखा-जोखा प्रत्येक दुकानदार को रखना होगा। जांच के दौरान दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे और अधिक भंडार पाए जाने पर उसे राजसात भी किया जा सकेगा।








