14 माह की तपस्या के लिए जैन समाज में उत्साह
100 आराधक करेंगे वर्षीतप, तपस्या शुरू कराने आए जैनाचार्य नरदेवसागर सूरी महाराज
सुबह में हुई गुणानुवाद सभा
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन।वरिष्ठ जैनाचार्य श्री नरदेव सागरसुरी महाराज एवं तपस्वी मुनिराज पद्मकीर्तिसागरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से श्री सिद्धचक्राधान केसरियानाथ तीर्थ खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पर 15 मार्च से सामूहिक वर्षीतप आराधना होगी। जिसमें 100 आराधक 14 माह की दीर्घ तपस्या कर अपने कर्मो का क्षय करेंगे।
धर्मसभा में श्री नरदेव सागर सूरीजी ने समाजजनों को वर्षी तप आराधना के लिए प्रेरित किया और कहा कि आप सिर्फ मन से तपस्या से जुडऩे का भाव रखे बाकि सब परमात्मा पर छोड़ दे। आपकी 14 माह की तपस्या निर्विघ्न बगैर किसी बाधा के पूर्ण हो जायेगी।
तपस्या से जुडऩे का भाव ही आपको आधी व्याधि उपाधि से मुक्त कर देगा। आचार्यश्री नवरत्न सागर सुरीश्वरजी के 80 वें जन्मोत्सव के प्रसंग पर शुक्रवार सुबह खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पर गुणानुवाद सभा का आयोजन किया गया। आचार्यश्री नरदेव सागर सूरी एवं मुनिश्री पदमकीर्ति की निश्रा में पूज्य गुरुदेव द्वारा किए गए उपकारों का वर्णन किया एवं महिला मंडल द्वारा गुरु गीत प्रस्तुत किए।
425 दिन तपस्वी गरम जल का उपयोग करेंगे
इस तपस्या में लगभग 425 दिन तपस्वी गरम जल का ही उपयोग करेंगे। बीच में एक दिन छोड़कर उपवास, पारने और बेला तप आएंगे। यह तप प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ भगवान के जीवनकाल से चल रहा है। 14 माह की तपस्या के लिए नगर के जैन समाज में उत्साह है।
लगभग 75 आराधकों ने नाम लिखा दिए, कुल 108 का लक्ष्य है। 15 मार्च सुबह 6.30 बजे मंगल मुहूर्त में इस तपस्या को आरंभ करवाने जैनाचार्यश्री मतीचंदसागरसूरीजी महाराज एवं साध्वीवर्या श्री मुक्तिदर्शनाश्रीजी म.सा. साध्वीवर्या श्री सोम्यवंदनाश्रीजी म.सा. साध्वीवर्या श्री चंदरत्नाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा भी आयेंगे।