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विक्रम यूनिवर्सिटी में कुलगुरु बनने के लिए कतार में 150 प्रोफेसर

वर्तमान कुलपति का कार्यकाल 13 सितंबर को होगा खत्म

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राजभवन पहुंचे आवेदन, नई नियुक्ति की बढ़ी हलचल

 

सुधीर नागर:उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में नए कुलगुरु की नियुक्ति की हलचल बढ़ गई है। राजभवन भोपाल में कुलगुरु बनने के लिए देशभर के करीब 150 प्रोफेसरों के आवेदन पहुंचे हैं। यह प्रक्रिया काफी गोपनीय तरीके से चल रही है। इस कारण निगाहें नए कुलगुरु की नियुक्ति पर जम गई हैं। हालांकि वर्तमान कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पांडे को दोबारा नियुक्त करने की भी चर्चा है।
विक्रम विवि में चार साल के लिए कुलगुरु की नियुक्ति राज्यपाल के आदेश से की जाती है।

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वर्तमान कुलगुरु प्रो. पांडे का कार्यकाल 13 सितंबर को पूरा होने जा रहा है। इस कारण राजभवन द्वारा नए कुलगुरु की नियुक्ति के लिए आवेदन मंगाए जा चुके हैं। विवि के आधा दर्जन प्रोफेसरों ने भी अपने आवेदन भेजे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार कुलगुरु के लिए करीब डेढ़ सौ आवेदन राजभवन पहुंच चुके हैं। इनमें से दस नामों का चयन होगा। इसके बाद दस में से एक का नाम कुलगुरु के लिए चयन किया जाएगा। इसमें राज्य सरकार की अनुशंसा की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। इसको लेकर हलचल तेज हो गई है।

उज्जैन का एक नाम चर्चा में क्यों…?

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विक्रम विवि उज्जैन के आधा दर्जन प्रोफेसरों के नाम आवेदकों की सूची में शामिल बताए जा रहे हैं, जिनमें प्रो. पांडे के अलावा प्रो. शैलेंद्र शर्मा, एसके मिश्रा, डीडी बेदिया, उमेशकुमार सिंह और अर्पण भारद्वाज के नाम हैं। एक दावेदार ने सीएम का करीबी होने के कारण दावा करना शुरू कर दिया है कि उनका ही नंबर है। इसको लेकर विश्वविद्यालय में जमकर चर्चाएं हो रही हैं।

कमेटी की बैठक का इंतजार

नियुक्ति के लिए अभी सर्च कमेटी की बैठक होना बाकी है। इस बैठक में दस नामों को पैनल में शामिल किया जाएगा। इनमें से किसी एक नाम पर राजभवन में आखिरी मोहर लग सकेगी। सूत्रों की मानें तो कई आवेदक केंद्र से लेकर आरएसएस तक संपर्क में हैं।

कुलगुरु पद के लिए पात्रताएं और प्रक्रिया

विख्यात शिक्षाविद् होने के साथ विश्वविद्यालय सिस्टम में 10 वर्ष तक प्रोफेसर पद का अनुभव या 10 वर्ष किसी प्रतिष्ठित समकक्ष अनुसंधान अथवा अकादमिक प्रशासनिक संस्था में कार्य का अनुभव।

बेदाग कॅरियर व असंदिग्ध निष्ठा के समर्थन में आवेदन पत्र के साथ स्वयं सत्यापित प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना जरूरी कि उसके विरुद्ध लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध ब्यूरो या अन्य किसी संस्थान में किसी भी स्तर पर कोई जांच या आपराधिक प्रकरण प्रचलित या लंबित नहीं है।

कोई विभागीय जांच लंबित नहीं होने का नियोक्ता या कार्यालय का प्रमाण पत्र।

कुलगुरु नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय समिति सभी आवेदकों में से 10 नामों को शार्ट लिस्ट करेगी।

समिति अध्यक्ष द्वारा चयनित 10 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए जाएंगे।

समिति द्वारा तीन या चार नामों का पैनल राज्यपाल को दिया जाएगा।

राज्यपाल किसी एक का चयन कुलगुरु के लिए करेंगे।

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