29 को बनारस में मिली, 30 को लाते वक्त ट्रेन में मौत
अक्षरविश्व प्रतिनिधि. उज्जैन:नानाखेड़ा के लक्ष्मणपुरी में रहने युवती की बुधवार शाम संदिग्ध मौत हो गई। वह चार पांच दिन पहले माता-पिता को बताए बगैर सुबह के समय घर से कहीं चली गई थी। दो दिन पहले बनारस पुलिस ने उसके पिता को उसके मिलने की जानकारी दी। इस पर माता-पिता बनारस जाकर उसे वापस लेकर आ रहे थे। इसी दौरान ट्रेन में उसकी मौत हो गई।
जिला अस्पताल लाने पर डॉक्टर्स ने मौत की पुष्टि की। इसके बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया। पुताई का काम करने वाले जितेंद्र पाल की 18 वर्षीय पुत्री योति की बुधवार शाम ट्रेन में सफर के दौरान मौत हुई है। पिता जितेंद्र ने बताया बेटी ज्योति को टीबी की बीमारी थी। 6 महीने से उसका इलाज चल रहा था। 26 अगस्त की सुबह ज्योति ने किसी को कुछ भी बताया नहीं और घर से निकलकर चली गई। दो-तीन दिन से उसे ढूंढ रहे थे लेकिन उसका पता नहीं चला। 29 अगस्त को अचानक बनारस जीआरपी का उनके पास फोन आया।
वहां की पुलिस ने बताया कि ज्योति उनके पास हैं माता-पिता आकर उसे लेकर जाएं। इस पर जितेंद्र व पत्नी संगीता बेटी को बनारस लेने के लिए गए। वे 30 अगस्त को उज्जैन आ रहे थे इसी दौरान शुजालपुर-अकोदिया के बीच ज्योति का जी घबराने लगा, सीने में दर्द हुआ और उल्टी करने के बाद अचानक उसकी सांसे थम गई। माता-पिता को लगा बेहोंश हो गई होगी लेकिन जिला अस्पताल लाने पर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।