19 साल बाद 59 दिनों का सावन… महाकाल गर्भगृह में बंद रहेगा प्रवेश!
इस बार श्रावण महोत्सव देश को एक सूत्र में जोडऩे का देगा संदेश
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:इस बार सावन में लगातार दो माह तक महादेव की पूजा होगी और पूरे 8 सावन सोमवार का व्रत रखा जाएगा, क्योंकि सावन 59 दिनों का होगा। ऐसा संयोग 19 साल बाद बना है। विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में इस कारण खास तैयारियां की जा रही हैं। पूरे सावन गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का प्रस्ताव है। मंदिर प्रबंध समिति के आयोजन श्रावण महोत्सव के माध्यम से देश को एक सूत्र में जोडऩे का संदेश भी दिया जाएगा। मंदिर में होने वाली पांचों आरतियों के चलित दर्शन कराने का निर्णय प्रबंध समिति करने की तैयारी में है।
इस बार सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बहुत ही खास रहने वाला है। हर साल सावन 30 दिनों का होता है और 4-5 सोमवार व्रत रखे जाते हैं। 4 जुलाई से सावन शुरू होगा और 31 अगस्त तक रहेगा। अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। इसके पहले 2015 में यह संयोग बना था और अब 2042 में फिर ऐसा होगा।
महाकाल मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ आने की संभावना है। इस कारण पूरे सावन में मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का प्रस्ताव प्रबंध समिति की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में रखा जाएगा। कलेक्टर एवं अध्यक्ष मंदिर प्रबंध समिति कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। भक्तों को सभी पांच आरतियों के चलित दर्शन कराने का भी प्रस्ताव है। अभी भस्मारती के चलित दर्शन कराए जाते हैं। हर सोमवार को मंदिर प्रबंध समिति श्रावण महोत्सव भी आयोजित करती है। इस बार हर प्रांत की एक एक प्रस्तुति कराने पर विचार चल रहा है ताकि देश को एकता के सूत्र में बांधने का संदेश दुनिया को दिया जा सके।
इस बार सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बहुत ही खास रहने वाला है। हर साल सावन 30 दिनों का होता है और 4-5 सोमवार व्रत रखे जाते हैं। 4 जुलाई से सावन शुरू होगा और 31 अगस्त तक रहेगा। अधिकमास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा। इसके पहले 2015 में यह संयोग बना था और अब 2042 में फिर ऐसा होगा।
महाकाल मंदिर में शिव भक्तों की भारी भीड़ आने की संभावना है। इस कारण पूरे सावन में मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का प्रस्ताव प्रबंध समिति की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में रखा जाएगा। कलेक्टर एवं अध्यक्ष मंदिर प्रबंध समिति कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। भक्तों को सभी पांच आरतियों के चलित दर्शन कराने का भी प्रस्ताव है। अभी भस्मारती के चलित दर्शन कराए जाते हैं। हर सोमवार को मंदिर प्रबंध समिति श्रावण महोत्सव भी आयोजित करती है। इस बार हर प्रांत की एक एक प्रस्तुति कराने पर विचार चल रहा है ताकि देश को एकता के सूत्र में बांधने का संदेश दुनिया को दिया जा सके।
होटल और वाहनों पर मिलेगी जानकारी
मंदिर में होने वाली आरतियों आदि की महत्वपूर्ण जानकारियां बाहर से आने वाले दर्शनार्थियों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी भी तैयारी की जा रही है। सभी होटल, धर्मशालाओं, ई रिक्शा, मैजिक, ऑटो आदि के लिए यह जानकारी रखना अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रबंध समिति इस पर अंतिम फैसला लेगी।
उज्जैन के 400 लोग कर सकेंगे नि:शुल्क भस्मारती दर्शन!
उज्जैन के 400 लोगों को सप्ताह में एक दिन नि:शुल्क भस्मारती दर्शन कराने का प्रस्ताव भी है। महापौर मुकेश टटवाल के सुझाव पर यह प्रस्ताव प्रबंध समिति ने जोड़ा है और विचार किया जा रहा है कि इसके लिए आधार कार्ड आदि स्थानीय नागरिक होने के दस्तावेज के आधार पर बुकिंग कराई जा सकेगी। इसे किस दिन से शुरू करना है, इस पर भी प्रबंध समिति निर्णय करेगी।
टनल बनने के बाद उज्जैन के भक्तों के लिए अलग गेट
महाकाल मंदिर परिसर में दर्शन के लिए करीब चार करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड टनल बनाई जा रही है। इसका काम तेजी से चल रहा है और यह आकार लेने लगी है। टनल बनने के बाद दस लाइनों से दर्शन कराने की योजना है। उज्जैन के दर्शनार्थियों के लिए अलग गेट से इसमें प्रवेश दिया जाएगा और आधार कार्ड के माध्यम से प्रवेश मिलेगा।
क्यों बना संयोग
वैदिक पंचांग की गणना में सौर और चंद्र मास के आधार पर एक चंद्र मास में 354 दिनों का होता है जबकि सौर मास में 365 दिनों का। सौर और चंद्र मास में 11 दिनों का अंतर होता है। इस तरह 3 साल के अंतराल में यह कुल 33 दिनों का हो जाता है। हर तीसरे साल के बाद चौथे साल में 33 दिनों का एक अतिरिक्त महीना बन जाता है। इन 33 दिनों के समायोजन को ही अधिकमास कहते हैं। इस बार अधिकमास का समायोजन सावन के दो महीने से होगा।
कब कब सोमवार
पहला सोमवार – 10 जुलाई
दूसरा सोमवार-17 जुलाई
तीसरा सोमवार- 24 जुलाई
चौथा सोमवार- 31 जुलाई
पांचवा सोमवार-7 अगस्त
छठा सोमवार-14 अगस्त
सातवां सोमवार-21 अगस्त
आठवां सोमवार- 28 अगस्त
महापौर के सुझाव पर उज्जैन के दर्शनार्थियों के लिए सप्ताह में एक दिन नि:शुल्क भस्मारती दर्शन का प्रस्ताव जोड़ा जा रहा है। मंदिर प्रबंध समिति में महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय करेंगे। कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर व अध्यक्ष महाकाल मंदिर प्रबंध समिति
मंदिर के श्रावण महोत्सव के माध्यम से पूरे देश को एकता के सूत्र में जोडऩे के लिए हर प्रांत से एक एक सांस्कृतिक प्रस्तुति करने का विचार है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को जानकारी आसानी से मिल जाए तो बहुत अच्छा। पं. राजेंद्र शर्मा, गुरु, सदस्य महाकाल मंदिर प्रबंध समिति
पहले कब कब संयोग…वर्ष 1847, 1966, 1985, 2004, 2015 में यह संयोग बना था। आगे आने वाले वर्षों में 2042 और 2061 में बनेगा।