22वीं अखिल भारतीय सद्भावना व्याख्यानमाला कल से

By AV News

देशभर के विद्वान रखेंगे बौद्धिक विचार

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। स्व. कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ की प्रेरणा एवं पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ की स्मृति में भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा आयोजित 22वीं अभा सद्भावना व्याख्यानमाला २० से २६ नवंबर तक भारतीय ज्ञानपीठ के सद्भावना सभागृह में शाम 5 से 6 बजे तक आयोजित होगी।

यह सामाजिक सद्भाव के उद्देश्य के साथ वैचारिक आदान-प्रदान का मंच बनेगी, इसमें देश के प्रतिष्ठित विद्वतजन विभिन्न सामाजिक विषयों पर विचार रखेंगे। आयोजन का उद्देश्य समाज में सद्भवना कायम करते हुए सकारात्मक चिंतन और नैतिक मूल्यों को स्थापित करना है।

शुभारंभ अवसर पर ‘भारत के सोलर मैन’ और आईआईटी मुंबई के प्राध्यापक प्रो. चेतनसिंह सोलंकी ‘जलवायु परिवर्तन की समस्या और सोलर ऊर्जा से निदान’ विषय पर व्याख्यान देंगे। अध्यक्षता विक्रम विवि कुलगुरु डॉ. अर्पण भारद्वाज करेंगे।

21 नवंबर को प्रो. सत्यकाम जोशी, निदेशक, सामाजिक अध्ययन केंद्र, वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विवि सूरत ‘महात्मा गांधी और सर्वधर्म समभाव’ विषय पर व्याख्यान देंगे। अध्यक्षता डॉ. सदानंद त्रिपाठी, संस्कृतविद, आचार्य, संस्कृत महाविद्यालय, उज्जैन करेंगे। 22 को जल योद्धा और पर्यावरणविद् पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ‘जल संरक्षण में सामाजिक सद्भावना’ विषय पर विचार रखेंगे। अध्यक्षता माधव विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हरीश व्यास करेंगे।

23 को अंजली कुलकर्णी, अध्यक्ष, आंतरभारती, पुणे, ‘आधुनिक समाज की समस्याएं और गांधी के विचारों में उनके निदान’ विषय पर व्याख्यान देंगी। अध्यक्षता डॉ. नीता तपन चौरे, वरिष्ठ शिक्षाविद्, उज्जैन करेंगी। को लक्ष्मीशंकर वाजपेयी, पूर्व उप महानिदेशक, आकाशवाणी एवं अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार, ‘साहित्य के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की राह’ विषय पर व्याख्यान देंगे। अध्यक्षता विक्रम विवि के पूर्व कुलगुरु डॉ. बालकृष्ण शर्मा करेंगे।

25 को न्यायमूर्ति टीपीशर्मा, पूर्व प्रमुख लोकायुक्त, छत्तीसगढ़, ‘न्यायिक सक्रियता व निर्णयों का समाज पर प्रभाव’ विषय पर विचार व्यक्त करेंगे। अध्यक्षता न्यायमूर्ति आलोक वर्मा, पूर्व न्यायाधीश, उच्च न्यायालय करेंगे। 26 नवंबर को डॉ. सच्चिदानंद जोशी, कार्यकारी और अकादमिक प्रमुख, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली, ‘व्यक्तित्व विकास और मानसिक स्वास्थ्य संतुलन में कलाओं का योगदान’ पर व्याख्यान देंगे।

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