विक्रम विश्वविद्यालय की स्थिति खराब, प्रवेश प्रक्रिया के तीन दिन शेष
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। कई उपलब्धियों के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज विक्रम विश्वविद्यालय की स्थिति खराब हो गई है। विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों के लाले पड़ गए हैं। प्रवेश की अंतिम तिथि 14 अगस्त में तीन दिन ही बचे 280 कोर्स है और अभी तक केवल 1455 हुए हैं। इस स्थिति ने विवि प्रशासन को परेशानी में डाल दिया है।
विक्रम विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया जारी है, लेकिन विश्वविद्यालय के विभिन्न कोर्स के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम हालात यह है कि कई कोर्स में प्रवेश शून्य है तो कुछ में 3-3,4-4 ही एडमिशन हुए है। पांच-छह कोर्स के लिए अधिक संख्या में हुए प्रवेश के कारण प्रवेश का आंकड़ा 1455 पहुंचा है।
विक्रम विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा के 280 कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया करीब 15 मई से प्रारंभ हुई थी। इसके बाद भी आधे से ज्यादा कोर्स खाली है या फिर एक-दो प्रवेश हुए है। दो दिन पहले तक प्रवेश के लिए 4291 आवेदन ऑनलाइन हुए है। इनमें विभिन्न कोर्स में करीब 1455 छात्रों ने प्रवेश लिया है। अभी प्रवेश के लिए 14 अगस्त अंतिम तिथि घोषित की गई है। मौजूदा स्थिति में कई कोर्स में जीरो की स्थिति है। वहीं कुछ में 1 या अधिकतम 5 विद्यार्थी प्रवेशित हुए हैं।
चार कोर्स में अधिक प्रवेश
विश्वविद्यालय के बीएससी ऑनर्स बॉयोटेक में 57, बीएससी एग्रीकल्चर में 172, बी.कॉम ऑनर्स में 200 और बीबीए ऑनर्स में 204 छात्रों ने प्रवेश लिया है। 18 कोर्स में एक प्रवेश हुआ है, वहीं 12 कोर्स में दो छात्रों का प्रवेश, 6 कोर्स में तीन छात्रों का प्रवेश, 4 कोर्स में चार छात्र, 6 कोर्स में पांच छात्र, 3 कोर्स छह, सात और आठ छात्र और 5 कोर्स में नौ छात्रों ने प्रवेश लिया है। जबकि 60 कोर्स में सीट संख्या 35 से 40 के बीच है।
दो दिन पहले कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है। इसमें कहा गया कि तमाम प्रयास के बाद भी तीन महीने के दौरान विवि में संचालित अध्ययनशाला के कोर्स में प्रवेश की स्थिति संतोषजनक नही है। इसके लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
विद्यार्थियों की दूरी
विक्रम विवि के पारंपरिक कोर्स से विद्यार्थियों की दूरी बराबर बनी हुई थी। विवि प्रशासन को उम्मीद है कि अभी डीटीई से एमबीए, बीई और फॉर्मेसी अध्ययनशाला में प्रवेश होना है। सभी कोर्स में प्रवेश का आंकड़ा 18 सौ से दो हजार के बीच पहुंच सकेगा। तीन माह पहले विवि में 5 से 7 हजार विद्यार्थियों के प्रवेश का लक्ष्य रखकर इसे पूरा करने का दावा किया गया था। हालत यह है कि जो उम्मीद जताई थी, उसकी तुलना में 20 प्रतिशत भी प्रवेश की स्थिति नही बनी है।
दो बार अवसर दिया
विक्रम विश्वविद्यालय की 30 अध्ययनशालाओं में संचालित 280 कोर्स में रोजगारन्मुखी बताकर सभी सीटें फुल होने की उम्मीद जताई थी। तीन माह के दौरान कई पाठयक्रमों में ऑनलाइन आवेदन तो हुए है, लेकिन फीस नही जमा हो रही है। विवि प्रशासन ने इस दौरान दो बार प्रवेश की अंतिम तिथि बढ़ाई गई। विद्यार्थियों को करीब तीन महीने तक मौका देने के बाद भी कुछ अध्ययनशालाओं में तो प्रवेश की स्थिति जीरो पर है। वहीं कुछ पाठयक्रम में 1 से 5 तो कुछ में प्रवेश लेने वालों की संख्या 10 तक पहुंची है, जहां विद्यार्थियों ने शुल्क जमा कर दिया है।
कम प्रवेश होने के पीछे एक कारण है कि इस बार सीयूटी का परिणाम देरी से आए है। वहीं इस बार कक्षा 12 वी बोर्ड का परिणाम मात्र 46 प्रतिशत रहा है। यह भी एक कारण इस बार प्रवेश कम होने का रहा है। हमें लग रहा है कि अभी प्रवेश ओर बढ़ जाएंगे।
प्रो. अखिलेश कुमार पांडे, कुलपति विक्रम विवि