Advertisement

इंदौर : रानीपुरा में 3 मंजिला मकान ढहा, 4 परिवार के 13 सदस्य दबे, 2 की मौत

हौसले की जीत : 12 को मौत से बचाया

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज इंदौर। इंदौर के रानीपुरा में लोगों के हौसले की जीत से 12 लोगों की जान बच गई। यहां 35 साल पुराना तीन मंजिला मकान बीती रात भरभराकर गिर गया था। मकान में चार परिवार रहते थे और इनके 15 सदस्य मलबे में फंस गए। लोगों ने जज्बा दिखाया और अपने स्तर पर मलबा हटाना शुरू किया। उनके परिश्रम से 12 लोगों की जान बच गई। हालांकि दो लोगों की मौत हो गई।

घटना रानीपुरा मच्छी बाजार इलाके के कोष्ठी मोहल्ला में सोमवार रात हुई। यहां रहने वाले शम्मू का मकान 9.12 बजे गिर गया। तीन मंजिला मकान के अलग-अलग हिस्से में 4 परिवार रहते थे। मकान पुराना था और बारिश की वजह से जर्जर हो गया था। गिराऊ हालत के इस मकान में भी लोग रह रहे थे। जैसे ही मकान गिरा आसपास लोग मौके पर पहुंचे और फंसे लोगों की जान बचाना शुरू कर दी। 12  लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।

Advertisement

35 साल पुराना था भवन, 17 लोग रहते थे
1990 में बना यह मकान शम्मू मामा उर्फ शम्मू अंसारी का था। इसमें चार परिवार के 17 से ज्यादा लोग रह रहे थे। घटना के समय कुछ लोग बाहर थे। शम्मू तलमंजिल में रहते थे। क्षेत्रवासी मो. यूनुस ने बताया कि जब वे मलबे से ऊपरी मंजिल के घायलों को निकाल रहे थे तब नीचे दबे लोगों के चीखें सुनाई दे रही थी।

ये हैं घायल- अल्ताफ (28), रफीउद्दीन (60), यासिरा (3 माह), नबी अहमद (7), सबिस्ता अंसारी (28), शहाबुद्दीन (62), सलमा बी पति रफीकुद्दीन (45), आलिया अंसारी पति जियाउलहक (23), शाहिदा अंसारी पति शमीउद्दीन (55), अमीनुद्दीन पिता शाहीनुद्दीन (40), आफरीन पति फहीमुद्दीन (32)।

Advertisement

लोगों ने हथौड़े से पत्थर की सिल्लियां तोडक़र जानें बचाईं
हादसे में दो लोगों की दर्दनाक मौत बहुत दुखद है, लेकिन सकारात्मक पक्ष ये भी कि बचाव में लगे लोगों ने अपने जज्बे से 12 जिंदगियां बचा ली। मकान तिरछा गिरा था, जिससे लोगों को अंदर बचने और सांस लेने की जगह मिल गई। हालांकि चुनौती यह थी कि ऊपर पत्थर की सिल्लियां थीं और संकरी गली के कारण जेसीबी का तुरंत पहुंच पाना मुश्किल था। दूसरा सीधे जेसीबी चलाने से अंदर दबे लोगों की जान को भी खतरा हो सकता था। लोगों ने सावधानीपूर्वक हथौड़े से शुरुआती पत्थर की सिल्लियां हटाई। शुरुआती आधे घंटे में नौ घायलों को निकाल लिया गया। इसके बाद देर रात तक बाकियों को भी बचा लिया।

Related Articles