35 कंपनियां लगाएंगी 6800 करोड़ की इंडस्ट्री

पीथमपुर, मंडीदीप के बाद अब उज्जैन बनेगा नया औद्योगिक हब
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सीएम डॉ. मोहन यादव की पहल पर पीथमपुर, मंडीदीप के बाद मध्य प्रदेश के औद्योगिक नक्शे पर उज्जैन नया इंडस्ट्री हब बनने जा रहा है। विक्रम उद्योगपुरी के सेकेंड फेज में भूमि अधिग्रहण के लिए 568 करोड़ रुपए का अवॉर्ड पारित हो चुका है, जिससे इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नए पंख लगने वाले हैं।
इस महत्वाकांक्षी योजना में सात गांव नरवर, मुंजखेड़ी, माधोपुर, कड़छा, गवाड़ी, चेनपुर हंसखेड़ी और पिपलोदा द्वारकाधीश की भूमि अधिग्रहण में शामिल है। इसके तहत ४७२ हेक्टेयर भूमि पर विक्रम उद्योगपुरी का दूसरा फेज बनाया जाएगा। कैबिनेट ने यहां के लिए विशेष पैकेज स्वीकृत किया है। इसके २५० करोड़ अतिरिक्त दिए गए है। नगरी बसाई जाएगी।एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने बताया कि अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं और उद्योगपति निवेश के लिए कतार में हैं। इस परियोजना से 20 हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यहां केवल उद्योग ही नहीं, बल्कि एक आधुनिक टाउनशिप भी विकसित की जाएगी। इस टाउनशिप में फैक्ट्रियों के साथ-साथ आवासीय कॉलोनियां, स्कूल, अस्पताल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी शामिल होंगे, जिससे यह क्षेत्र एक स्मार्ट सिटी जैसा रूप ले लेगा।
फेज-2 में 472.648 हेक्टेयर अधिग्रहण
फेज-2 में 472.648 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 346.178 हेक्टेयर भूमि के लिए अवॉर्ड पारित हो चुका है। अब तक 35 कंपनियों ने विक्रम उद्योगपुरी फेज-2 में निवेश में रुचि दिखाई है। कुल 6857 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 10,220 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
इन कंपनियों के प्रस्ताव
अडाणी सीमेंट्स: 3500 करोड़
वीई कमर्शियल व्हीकल्स: 1500 करोड़
अलकेम इंडिया- 600 करोड़
इको रीसाइक्लिंग लिमिटेड: 200 करोड़
एक्वारेल इंडिया: 250 करोड़
बेरीकेप: 100 करोड़
केबकॉन इंडिया: 100 करोड़
9एम इंडिया लिमिटेड: 100 करोड़
डीएमआईसी का अहम हिस्सा
इस चरण में 593 खातेदारों को 568 करोड़ रुपए का मुआवजा स्वीकृत किया गया है। पहले फेज में 458.6 हेक्टेयर भूमि पर कार्य पूरा हो चुका है। अब फेज-2 के साथ विक्रम उद्योगपुरी का कुल क्षेत्रफल 2300 एकड़ से अधिक हो जाएगा। यह क्षेत्र दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कॉरिडोर का अहम हिस्सा बनेगा जिससे उज्जैन की औद्योगिक विरासत और भी मजबूत होगी।