4 दिन, 88 जांच; मिले 44 डेंगू पॉजिटिव

By AV NEWS

सरकारी अस्पताल में एक भी मरीज भर्ती नहीं, प्रायवेट उपचार पर भरोसा

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। मानसून सीजन की बिदाई के बाद मौसम में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव के बीच लोग वायरल फीवर, टायफायड, डेंगू जैसी बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। खास बात यह कि डेंगू और टायफायड के एक भी मरीज जिला चिकित्सालय में भर्ती नहीं हैं।

डेंगू की रोकथाम के लिए जिला मलेरिया विभाग है। शासन द्वारा इस विभाग को पर्याप्त बजट भी आवंटित किया जाता है। यह बात अलग है कि विभाग द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए कागजों पर अधिक और जमीन पर कम काम किया जाता है। जिला चिकित्सालय स्थित सेंट्रल लैब से 4 दिन के जो आंकड़े सामने आए हैं उनसे यही सिद्ध होता है कि लोग बड़ी संख्या में डेंगू से ग्रसित हो रहे हैं जिसकी रोकथाम के लिए सभी विभाग एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाडऩे में लगे हैं।

सरकारी अस्पताल लैब की जांच मान्य नहीं

सामान्य तौर पर लोग बुखार आने पर घर के आसपास क्लीनिक अथवा अस्पताल में डॉक्टर को चेकअप कराने पहुंचते हैं। एक-दो दिन में मरीज को आराम नहीं होता और लक्षण दिखने पर डॉक्टर द्वारा किट अथवा ब्लड सेंपल लेकर जांच की जाती है। इसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रायवेट डॉक्टर्स मरीज का उपचार भी शुरू कर देते हैं। लेकिन यह जांच रिपोर्ट शासन द्वारा मान्य नहीं की जाती। सीएमएचओ की तरफ से सभी प्रायवेट अस्पताल और लैब को निर्देशित किया गया है कि उनके यहां कोई डेंगू अथवा मलेरिया का मरीज आता है तो उसकी जांच जिला चिकित्सालय की सेंट्रल लैब में कराई जाए।

फिलहाल एक भी डेंगू से पीडि़त मरीज भर्ती नहीं है

सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर ने बताया कि वर्तमान में डेंगू की जांच के बाद कितने मरीज आ रहे हैं और उनका कहां उपचार हो रहा है इसकी जानकारी सीएमएचओ ही दे पाएंगे। जिला चिकित्सालय में फिलहाल एक भी डेंगू से पीडि़त मरीज भर्ती नहीं है।

नोटिफायबल बीमारी की श्रेणी में आती है डेंगू

डेंगू और मलेरिया शासन की नोटिफायबल बीमारी की श्रेणी में आते हैं। सरकारी अथवा प्रायवेट किसी भी अस्पताल में उक्त बीमारी के मरीज भर्ती होने पर उपचार किया जाता है तो इसकी सूचना सीएमएचओ कार्यांलय को देना अनिवार्य है। यही कारण है कि जिला चिकित्सालय की सेंट्रल लैब में सभी प्रायवेट अस्पताल और पैथालॉजी लैब से मरीजों को यहां भेजा जाता है। उक्त आंकड़े भी उसी आधार पर निकाले गए हैं।

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