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400 श्रावक-श्राविका संयम, तप, त्याग, ध्यान से जीवन को सफल बना रहे…

समयसारोपासक साधना संस्कार शिविर में किशोर से लेकर वरिष्ठ समाजजन शामिल

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400 श्रावक-श्राविका संयम, तप, त्याग, ध्यान से जीवन को सफल बना रहे…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाज्ञान कुंभ वर्षा योग समिति द्वारा आयोजित समयसारोपासक साधना संस्कार शिविर चल रहा है। इस शिविर में किशोर से लेकर 75 वर्ष आयु वर्ग के वरिष्ठ समाजजन संयम, तप, त्याग, ध्यान से अपने जीवन को सफल बना रहे हैं।

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संस्कार शिविर में 400 श्रावक-श्राविका मुनिश्री सुप्रभसागर महाराज, प्रणतसागर महाराज के चरणों में रहकर गृहत्याग, मोबाइल त्याग और अन्य परिग्रहों का त्याग कर गुरुकुल परंपरा पर आधारित दशलक्षण पर्व में शामिल हुए। शिविर में समाजजन आत्मसाधना में धर्म ध्यान कर जीवन को सफल बना रहे हैं। मुनिश्री के सानिध्य में आयोजित शिविर के माध्यम से न केवल धर्म की शिक्षा दी जा रही है बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान का महत्व भी सिखाया जा रहा है।

बच्चों को अलौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक शिक्षा व संस्कार देना जरूरी है। छोटी उम्र में बच्चों को संस्कार दिए जाने चाहिए। स्कूलों में बच्चों को नैतिक शिक्षा सिखाई जाती है, लेकिन बच्चों में धार्मिक संस्कार भी विकसित करना जरूरी होता है। इस क्रम में श्रीसिद्ध क्षेत्र आहार टीकमगढ़ के 20 से अधिक बच्चे शिविर में शामिल है। शिविर का मुख्य उद्देश्य समाजजनों को धार्मिक सुसंस्कारों के साथ ही अहिंसा, सत्य, अचौर्य, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य जैसे जैन धर्म के मूलभूत सिद्धांतों को विस्तार से जानने व समझने का अवसर मिले एवं वे आत्मसात कर सकें।

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कुएं के पानी का ही उपयोग

शिविर में केवल कुएं के पानी का उपयोग किया जा रहा है और वह भी रस्सी और पात्र के माध्यम से कुएं से निकला हुआ। पानी के लिए किसी प्रकार के पम्प या अन्य संसाधन का उपयोग नहीं किया जाता है। रात्रि के विश्राम में केवल चटाई का उपयोग होता है। वस्त्र के तौर पर केवल सामान्य धोतीधारण की जा रही है। शिविर में किसी भी प्रकार के भौतिक साधनों का उपयोग वर्जित है।

यह है शिविर का क्रम

उदयन मार्ग स्थित आनंद मंगल परिसर धर्म संस्कार और परंपरा की शिक्षा के लिए आयोजित शिविर में लिए पूरे दिन का क्रम तय है। इसमें प्रात: 4 बजे योग, 5 बजे ध्यान, 6:30 बजे अभिषेक-पूजन, प्रात 9:30 प्रवचन, 11:15 बजे आहार (भोजन), दोपहर 1 से शाम 5  बजे तक प्रवचन-धार्मिक चर्चा, शाम 5 से 4:30 तक अल्प आहार, शाम 6 से 6:30 तक मुनिश्री से संवाद, शाम 7 आरती, रात 8 बजे धर्म प्रवचन और रात 9 बजे रात्रि विश्राम।

खाद्य सामग्री उपयोग की मर्यादा

शिविर में खाद्य सामग्री उपयोग की मर्यादा का पालन किया जा रहा है। इसके तहत मसाल-आटा सहित अन्य सूखी खाद्य सामग्री का उपयोग केवल तीन दिन करने के बाद फिर से नई-ताजी सामग्री का उपयोग होता है। श्रावक-श्राविकाओं के लिए सागर से 100 से अधिक व्यक्तियों की टीम सेवा प्रदान कर रही है, जो पूर्ण सात्विक भोजन तैयार करती है। भोजन निर्माण से लेकर परोसने तक तमाम नियमों का पालन होता है। श्रावक-श्राविकाएं दोपहर में एक बार आहार और शाम को अल्प आहार ही ग्रहण करते हैं।

सुबह 4 बजे से प्रारंभ होती है दिनचर्या

पर्वराज पर्युषण के अवसर पर मुनिश्री सुप्रभसागर महाराज, प्रणतसागर महाराज ससंघ के सानिध्य में महाज्ञान कुंभ वर्षा योग समिति द्वारा आयोजित समयसारोपासक साधना संस्कार शिविर में 400 श्रावक-श्राविकाएं संयम, तप, त्याग, ध्यान आदि विभिन्न आत्म कल्याण की गतिविधियों को पालन कर रहे हैं। शिविर में दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि प्रांतों के श्रावक श्राविका के पर्युषण पर्यन्त गुरु चरणों में रहकर तप त्याग की साधना कर रहे हंै। इनकी दिनचर्या सुबह ४ बजे से प्रारंभ हो रही है।

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