उफनती शिप्रा में नहा रहे यूपी के 6 श्रद्धालु बहे, सभी को बचाया

महाकाल दर्शन के लिए आए थे, गहराई का अंदाजा नहीं होने से तेज बहाव में बहने लगे
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। रामघाट पर शनिवार दोपहर बड़ा हादसा होते-होते बच गया। यहां महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आए यूपी के 6 श्रद्धालु शिप्रा का जलस्तर अचानक बढऩे से आरती स्थल के पास डूबने लगे। इनमें से चार को तो तत्काल सुरक्षित निकाल लिया गया लेकिन दो तेज बहाव में आगे निकल गए, जिन्हें राणोजी की छत्री स्थित चौकी के सामने से एसडीईआरएफ, होमगार्ड और मां शिप्रा तैराक दल के सदस्यों ने समय रहते बाहर निकाल लिया और उनकी जान बचा ली।
दरअसल, इंदौर, देवास और शहर के आसपास के इलाकों में हुई बारिश के चलते शनिवार दोपहर अचानक शिप्रा का जलस्तर बढ़ गया। पानी बढ़ते-बढ़ते छोटे पुल को पार कर गया। दोपहर में रामघाट पर आरती स्थल पर यूपी के उन्नाव के रहने वाले नितिन कुमार पिता गणेश प्रसाद (25), सुमित पिता राम सजीवन (23), देवा पिता सवाली (18), अनमोल पिता राजेश भामा (18), आदित्य पिता सुनील कुमार (22) और शिवम पिता संतोष कुमार (17) नहा रहे थे।
इस दौरान शिप्रा का जलस्तर बढ़ा हुआ था और बहाव तेज था। गहराई का अंदाजा नहीं होने के कारण सभी श्रद्धालु अंदर चले गए और डूबने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर एसडीईआरएफ, होमगार्ड जवान और मां शिप्रा तैराक दल के सदस्य आकाश पवार, अन्ना कहार, मन्नू कहार, अर्जुन कहार, संजू चौहान, चिंटू आरती स्थल पहुंचे और डूब रहे चार श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकला। दो श्रद्धालु तेज बहाव में बह गए और जिन्हें जवानों ने करीब २०० मीटर दूर राणोजी की छत्री के सामने से बाहर निकाला।
पेट से पानी बाहर निकाला
राणोजी की छत्री के सामने से जब एक श्रद्धालु को निकाला गया तो उसके पेट में पानी भर गया। उसे उल्टा लेटाकर पीठ पर दबाव डालकर पानी बाहर निकाला गया। हालांकि, एसडीईआरएफ और होमगार्ड जवानों एवं मां शिप्रा तैराक दल सदस्यों की मुस्तैदी के कारण सभी श्रद्धालु सुरक्षित बचा लिए गए और बड़ा हादसा होने से टल गया। तैराक दल के सचिव संतोष सोलंकी ने बताया कि जवानों के साथ तैराक दल हमेशा श्रद्धालुओं की सेवा के लिए तत्पर है।