Wednesday, October 4, 2023
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650 प्रकरणों की जांच 14 में मिली गड़बड़ी, 3 तहसीलदार निशाने पर

बैंक ऋण वसूली केस की प्रोसेस में फॉल्ट, अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं किया

650 प्रकरणों की जांच 14 में मिली गड़बड़ी, 3 तहसीलदार निशाने पर

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन: किसान क्रेडिट कार्ड ऋण वसूली में अधिक ब्याज लेने और जमीन की नीलामी के एक मामले में गंभीर गड़बड़ी और अनियमितताएं सामने आने के बाद कलेक्टर ने इस तरह की अनेक शिकायत आने पर 650 प्रकरणों की प्रारंभिक जांच कराने पर 14 प्रकरणों में प्रोसेस फॉल्ट सामने आया है।

इसमें तीन तहसीलदार निशाने पर आ गए हंै। बता दें कि घटिया निवासी अर्जुन पिता नागु सिंह ने कलेक्टर से की गई शिकायत में बताया कि उसके पिता के नाम से कर्नाटका बैंक लिमिटेड से किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम के तहत 9.90 लाख की राशि बैंक नियमों के तहत 9 सितंबर 2015 को स्वीकृत की गई थी आवेदक द्वारा उक्त राशि समय सीमा पर जमा नहीं कराने के कारण उनके खिलाफ 11 लाख 71 हजार 685 रुपए की वसूली के लिए आरआरसी जारी की गई। शिकायत में कहा गया कि तहसीलदार उज्जैन मधु नायक, कर्नाटका बैंक शाखा प्रबंधक, बैंक दलाल राजेश रामानी और भू माफिया पुनीत जैन ने मिलीभगत कर बैंक वसूली की आड़ में धोखाधड़ी की।

भूमि की नीलाम कर अधिक राशि वसूल की। शिकायत मिलने पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने स्वमेव निगरानी में जांच की। कलेक्टर ने शिकायत में उल्लेखित तथ्यों का सत्यापन करने के लिए दस्तावेजों का अवलोकन किया। इसमें कई गंभीर गड़बड़ी और अनियमितताएं सामने आई है।

3 सदस्यीय दल ने की जांच

उक्त मामला सामने आने के बाद इसी तरह की अनेक शिकायत मिलने पर कलेक्टर ने पूराने सभी प्रकरणों की जांच करने के निर्देश दिए थे। अपर कलेक्टर मृणाल मीना की अगुवाई में 3 सदस्यीय जांच दल बनाया था। जिसमें उनकी सहायक अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, एसडीएम ग्रामीण राकेश शर्मा व डिप्टी कलेक्टर कृतिका भीमावत को जांच की जिम्मेदारी दी थी। शिकायत में उल्लेखित तथ्यों का सत्यापन किये जाने पर केस की प्रक्रिया में कई प्रकार की त्रुटियां/अनियमितता सामने में आई हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर के निर्देश पर 3 सदस्यीय दल ने 650 प्रकरणों की जांच की गई। इसमें से 14 प्रकरणों में त्रुटियां/अनियमितता पाई गई है। यह सभी प्रकरण कर्नाटका बैंक के है। इस मामले में तहसीलदार देवकुंवर सोलंकी द्वारा निराकृत सबसे ज्यादा प्रकरण पाए गए है।

उसके बाद तहसीलदार मधु नायक व पूर्णिमा सिंघी के प्रकरण है। जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अपर कलेक्टर मृणाल मीना ने अपनी अनुशंसा के साथ कलेक्टर को भेज दिया है। जांच रिपोर्ट में यह बात भी उजागर हुई है कि तत्कालीन तहसीलदार मधु नायक द्वारा वसूली की राशि से बहुत अधिक ज्यादा संपत्ति को नीलाम किया गया है। सूत्रों का कहना है कि जिन 14 प्रकरणों में गड़बड़ी पाई गई है। उसमें से केवल 3 जमीनों का नामांतरण हुआ था। एक नामांतरण कलेक्टर द्वारा निरस्त कर दिया गया है। बाकी 2 मामले भी निरस्त होंगे। इसके अलावा नीलामी की पूरी प्रक्रिया निरस्त की जा सकती है।

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