उज्जैन एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव ने कहा-ट्रेक में कई तकनीकी खामियां, फील्ड स्पर्धा होना संभव नहीं
अक्षरविश्व न्यूज.उज्जैन। शहर के उभरते हुए खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के लिए तैयार हो, इसके लिए खेल एवं युवक कल्याण विभाग द्वारा नानाखेड़ा स्थिति विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम में विश्वस्तरीय सिंथेटिक ट्रेक का निर्माण किया जा रहा है। जो अंतिम चरण में है, लेकिन अब इसके निर्माण को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं।
दरअसल, एथलेटिक्स में ट्रेक व फील्ड इवेन्ट्स होते हैं। ट्रेक इवेन्ट्स के लिए यहां सिंथेटिक ट्रेक तो बना दिया गया, लेकिन फील्ड इवेन्ट्स के लिए यह ट्रेक अभी पूर्ण रूप से तैयार नहीं है। यहां अभी काफी काम होना शेष है। जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव अब्दुल वहाब कुरेशी ने बताया कि शहर में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए शासन की तरफ से करीब 8 करोड़ की लागत से नानाखेड़ा स्थित विजयाराजे सिंधिया स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रेक का निर्माण करवाया जा रहा हैं, लेकिन ट्रेक में एथलेटिक्स खिलाडिय़ों के अपेक्षा के अनुरूप आधुनिक सुविधाएं बहाल नहीं हो पा रही है। ऐसे में खिलाडिय़ों की प्रतिभा में निखार नहीं आएगा।
सचिव ने बताया कि एथलेटिक्स में ट्रेक व फील्ड इवेन्ट्स होते हंै। इसमें भाला फेंक, चक्का फेंक, हेमर थ्रो आदि के पिट तैयार कराए जाए, ताकि खिलाडिय़ों को खेलने का मौका मिल सके, लेकिन इस ट्रेक में डिसकस थ्रो व हेमर थ्रो का सेक्टर व केज तक नहीं बना है। जबकि सिंथेटिक ट्रेक प्रोजेक्ट की ड्राईंग में ट्रेक और फील्ड इवेन्ट्स की सुविधाओं को भी शामिल किया गया था। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय तो दूर जिला स्तर की प्रतियोगिता भी यहां होना संभव नहीं। यह बहुत बड़ी तकनीकी चूक है। ऐसा लगता है कि मानो 8 करोड़ खर्च करने में विभाग ने किसी तकनीकी एक्सपर्ट की सलाह भी नहीं ली है।
जिला खेल आधिकारी को भी करवाया था अवगत
जिला एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव अब्दुल वहाब कुरेशी ने बताया कि खेल मंत्री यशोधराराजे सिंधिया ने एक बेहतर खेल सुविधा व खिलाडिय़ों के विकास की सोच के उद्देश्य को लेकर उक्त ट्रेक का निर्माण करवाया है, लेकिन उनका यह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है, वहीं ट्रेक के अधूरे निमार्ण के बारे में एक माह पूर्व ही जिला खेल अधिकारी ओपी हरोड़ को सबकुछ अवगत करवा चुका हूं, लेकिन वह भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में मेरी ट्रेक निर्माण करने वाली ठेका कंपनी के पदाधिकारियों से बात भी हुई पर कोई नतीजा नहीं निकला।
ये रही खामियां
- डिसकस थ्रो व हेमर थ्रो सेक्टर नहीं है। इससे फील्ड इवेन्ट बाधित होते है।
- वॉर्मअप जोन नहीं।
- ट्रेक निर्माण के दौरान बीच की फील्ड भी समतल नहीं बनाई गई है।
- खिलाडिय़ों के लिए टॉयलेट नहीं, खेल से संबंधित जरूरी उपकरणों का आभाव।
यह कहना है खेल अधिकारी का
ट्रेक निर्माण को लेकर शासन स्तर पर जितना बजट स्वीकृत हुआ था। उसे खर्च कर दिया गया है। प्रोजेक्ट में कई बार टेंडर हुए, पर निर्माण एजेंसी नहीं मिलने के कारण ट्रेक निर्माण में देरी के साथ प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ गई है। इस कारण फील्ड इवेन्ट्स के लिए डिसकस थ्रो व हेमर थ्रो सेक्टर का निर्माण नहीं हो पाया।
ओपी हारोड़, जिला
खेल अधिकारी उज्जैन