Monday, December 4, 2023
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8.71 लाख जमा किए फिर भी नहीं मिला पानी

8.71  लाख जमा किए फिर भी नहीं मिला पानी

10 वर्षों से सुविधाओं से वंचित पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासी, बिजली संकट का भी सामना करना पड़ता है…

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन देवास रोड स्थित पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासियों को समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। कॉलोनी पर बकाया राशि जमा करने के बाद भी पीएचई द्वारा पाईप लाइन का मेंटेनेंस और टंकी से कनेक्शन नहीं किया जा रहा है। पाश्र्वनाथ सिटी के अभिलाष जैन ने बताया कॉलोनी में बनी टंकी से दूसरी कॉलोनियों को पानी सप्लाई किया जा रहा है लेकिन पाश्र्वनाथ सिटी कॉलोनी में पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

पाश्र्वनाथ सिटी कॉलोनी के रहवासियों ने पीएचई की मांग के अनुसार 6 माह पहले 8 लाख 71 हजार 780 रु.जमा कर दिए हैं, लेकिन पीएचई ने कॉलोनी की पाइप लाइन को टंकी से जोडऩे और कॉलोनियों की लाइन को ठीक करने का काम अब तक नहीं किया है। रहवासियों को पीएचई का पानी नहीं मिल रहा ह।ै कॉलोनी वासियों ने बकाया राशि जमा करने के लिए प्रति परिवार से 2500-2500 रुपए एकत्र किए थे। इसके बावजूद पानी उपलब्ध नहीं है इधर पीएचई के प्रभारी सहायक यंत्री मनोज खरात के अनुसार पाइपलाइन को टंकी से जोडऩे और लाइन के मेंटेनेंस के दो बार टेंडर निकाले जा चुके हैं। इस काम के लिए कोई फार्म सामने नहीं आने पर नए सिरे से टेंडर जारी किए जा रहे हैं।

1100 प्लाट है, 450 पर बंगले बन गए

पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासी अभिलाष जैन ने बताया कि कॉलोनी पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासी पिछले सात वर्ष से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। पाश्र्वनाथ सिटी देवास रोड स्थित नागझिरी एवं निमनवासा की 39.384 हेक्टेयर भूमि पर विकसित हुई है। इसमें 1500, 2000, 2700, 3600 वर्ग फीट के 1100 प्लाट हैं। इनमें 450 बंगले बन चुके हैं। 20 से 25 मकान निर्माणाधीन हैं।

कॉलोनी का निर्माण साल-2007 में पाश्र्वनाथ डेवलपर्स ने शुरू किया था। दो चरणों में, पहले 29 मई 2010 और फिर 1 मार्च 2014 को नगर निगम ने कालोनी के आंतरिक विकास कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। बाह्य विद्युतीकरण के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण नहीं होने से यहां आए दिन बिजली कटौती की समस्या बनी रहती है। कई बार कालोनी के रहवासियों को विद्युत लाइन कटौती झेलनी पड़ती है। इसके अलावा कालोनी में कई विकास कार्य भी अधूरे हैं।

कई बार प्रदर्शन, मगर कुछ नहीं हुआ

समस्याओं को लेकर कॉलोनीवासियों ने कई बार प्रदर्शन व ज्ञापन दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। जनवरी 2020 में में नगर निगम परिषद ने पाश्र्वनाथ सिटी के ऑनर्स मेसर्स पाश्र्वनाथ डेवलपर्स नईदिल्ली और उज्जैन नगर निगम के प्रकाश विभाग में मई- 2010 एवं मार्च-2014 में पदस्थ अधिकारी के खिलाफ एफआइआर कराने का फैसला किया था।

उस वक्त कहा गया था कि पाश्र्वनाथ डेवलपर्स ने निगम से किए अनुबंध अनुसार कालोनी में विद्युत सब स्टेशन नहीं बनाया। प्रकाश विभाग के अधिकारी ने काम किए बगैर ही कंपनी को कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया। ऐसा कर दोनों ने धोखाधड़ी की है। कॉलोनी के रहवासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कॉलोनी के बंधक रखे प्लाट बेचकर प्राप्त राशि से विद्युत सब स्टेशन बनवाएं। यह काम खुद न करके बिजली वितरण कंपनी से कराएं। यह काम आज तक नहीं हुआ।

यह है खामियां

पाश्र्वनाथ डेवलपर्स ने कॉलोनी विकास अधिनियम का पालन नहीं किया।

अधूरे कार्य में ही नगर निगम ने पूर्णता प्रमाणपत्र जारी कर दिया।

अभी बिजली का सब स्टेशन, सड़कें, बगीचे, नाली, स्ट्रीट लाइट के काम पूरे नहीं हो सके हैं।

निगम अधिकारियों की मिलीभगत से बंधक प्लाट मुक्त कर दिए गए।

डेवलपर्स द्वारा अपने उपयोग के लिए लाये गए 150 केवीए के ट्रांसफार्मर से विद्युत व्यवस्था अस्थाई रूप से दी जा रही है जो पर्याप्त नहीं है। इससे आए दिन कॉलोनी में ब्लैकआउट रहता है।

समिति गठित कर विरोध भी किया...पाश्र्वनाथ सिटी के रहवासी समस्याओं का निराकरण कराने के लिए एकजूट हुए। समिति का गठन कर हर स्तर पर शिकायत की, लेकिन समस्याएं दूर नहीं हुई।

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