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रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी के खाते से 8 लाख उड़ाए

डीआरएम कार्यालय का कर्मचारी बनकर फोन किया और मोबाइल हैक कर लिया

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उज्जैन। रेलवे के एक रिटायर्ड कर्मचारी के साथ 8 लाख 26 रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। बदमाशों ने डीआरएम कार्यालय का कर्मचारी बनकर फोन किया और मोबाइल हैक कर रुपए ट्रांसफर कर लिए।

 

सोमवार को रेलवे के रिटायर्ड टेक्निशियन ललित पिता भगवतीप्रसाद शर्मा निवासी महालक्ष्मी नगर को रेलवे के डीआरएम कार्यालय की पेंशन शाखा से फोन आया। कर्मचारी ने अपना नाम नवीन बताते हुए ललित के पेंशन विभाग संबंधी कुछ जानकारी वाट्सएप की और उनसे कहा कि पेंशन के लिए उन्हें कुछ और जानकारी चाहिए। इसी बीच बदमाशों ने ललित शर्मा को विश्वास में लेकर उनका मोबाइल हैक (क्लोन) कर लिया। जब बैंक खाते से रुपए निकलने के चार मैसेज ललित शर्मा को मिले तब उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखा हुआ है। ललित शर्मा के पुत्र चेतन ने बताया कि उनके पिता के एसबीआई अकाउंट से चार खातों में कुल ८ लाख २६ हजार रुपए ट्रांसफर किए हैं। यह अकाउंट अलग-अलग निजी बैंकों के क्रेडिट कार्ड के हैं।

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पुलिस और बैंक को दी सूचना
घटना के तुरंत बाद ललित शर्मा ने नागझिरी पुलिस और एसबीआई को इसकी सूचना दी। पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज मामले की जांच शुरू कर दी है।

गोल्ड ट्रांसफर का झांसा देकर फाइनेंस कंपनी को 11 लाख रु. का चूना लगाया

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उज्जैन। धोखाधड़ी का एक और बड़ा मामला सामने आया है, जहां शातिर ठग ने मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस कंपनी को गोल्ड लोन ट्रांसफर का झांसा देकर 11 लाख की चपत लगा दी। मंगलवार शाम मामले की शिकायत मणप्पुरम गोल्ड फायनेंस की मैनेजर ने माधवनगर पुलिस में की है।

माधवनगर थाना प्रभारी राकेश भारती ने बताया फाइनेंस कंपनी की मैनेजर संध्या ने शिकायत दर्ज कराई कि राजगढ़ निवासी रामगोपाल पिछले 3-4 दिनों से उनके दफ्तर आ रहा था। रामगोपाल ने बताया कि उसका सोना आईआईएफएल (इंडिया इनफोलाइन) में गिरवी रखा है। उसने झांसा दिया कि वह आईआईएफएल का लोन चुकाकर गोल्ड मणप्पुरम फाइनेंस में ट्रांसफर करना चाहता है। मैनेजर को कुछ रसीदें भी दिखाईं, जिन्हें देखकर कंपनी ने 11 लाख का लोन स्वीकृत कर दिया। मंगलवार को कंपनी ने उसके खाते में 11 लाख रु. ऑनलाइन ट्रांसफर (आरटीजीएस) कर दिए। इसके बाद जब गोल्ड ट्रांसफर की औपचारिकता पूरी करने के लिए आईआईएफएल बैंक जाने की बारी आई, तो आरोपी रामगोपाल चकमा देकर मौके से फरार हो गया।

टीआई भारती ने बताया कि मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। दस्तावेजों के सत्यापन और प्रारंभिक जांच के बाद आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स के जरिए आरोपी की लोकेशन ट्रैक करने की कोशिश कर रही है।

फायनेंस कंपनी की बड़ी चूक
मामले में फायनेंस कंपनी की भी बड़ी चूक सामने आ रही है। कंपनी ने बिना भौतिक सत्यापन के ही केवल दिखाई गई रसीदों के आधार पर 11 लाख का ट्रांजेक्शन कर दिया। कंपनी ने यह जांचना भी जरूरी नहीं समझा कि रामगोपाल का सोना वाकई आईआईएफएल में है या नहीं। रसीदें असली हैं या फर्जी। अब मैनेजर ने जिस खाते में राशि ट्रांसफर की है, उसे होल्ड कराने के लिए बैंक को पत्र लिखा है।

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