घर बैठे वोट देने का अधिकार 85 साल के मतदाता को

By AV News

निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले व्यवस्था में किया बदलाव

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले व्यवस्था में कुछ बदलाव किया है। इसके तहत घर बैठे वोट देने का अधिकार 85 साल के अधिक उम्र वाले मतदाता को ही मिलेगा। पहले यह लिमिट 80 साल थी।

विधानसभा चुनाव के दौरान घर पर बैठकर मतदान करने वाले 80 साल से अधिक उम्र के वृद्धजनों को अब यह सुविधा नहीं मिलेगी। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए यह उम्र सीमा अब 80 से बढ़ाकर 85 साल कर दी है। इस पर अमल के लिए सभी जिलों के कलेक्टरों और रिटर्निंग अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसी के आधार पर मतदाता सूची से ऐसे वोटर्स के नाम सिलेक्ट कर उन्हें सुविधाएं देने की तैयारी करने के लिए कहा गया है।

नए प्रावधान के अनुसार अब 85 साल से अधिक आयु के मतदाताओं को ही घर से मतदान की सुविधा दी जाएगी। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद जिलों में कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा सभी मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों से 85 साल से अधिक आयु की मतदाताओं की सूची मतदान केन्द्र वार तैयार करने के लिए कहा है। जिलों में इस पर काम भी शुरू हो गया है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार उन्हें मतदान के लिए डाकमत पत्र से मतदान की सुविधा दी जाएगी।

दिव्यांग तथा वयोवृद्ध मतदाताओं को राहत

भा रत निर्वाचन आयोग ने दिव्यांग तथा वयोवृद्ध मतदाताओं को वोटिंग के लिए राहत देने का काम पिछले चुनावों में किया था। ऐसे वोटर्स को मताधिकार के उपयोग के लिए प्रेरित करने के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं,जिसमें 80 साल से अधिक आयु के मतदाताओं को अपने घर से ही मतदान की सुविधा देना भी शामिल था। निर्वाचन आयोग द्वारा इस प्रावधान में अब संशोधन किया गया है।

समय से पहले देना होती है सूचना

ऐसे वृद्ध वोटर जो मतदान केंद्र पर न जाकर घर पर ही वोट डालना चाहते हैं उनके लिए पीठासीन अधिकारी टीम के साथ ऐसे वोटर के घर पहुंचकर चुनावी प्रक्रिया का पालन करते हुए वोटिंग कराते हैं। वोटर्स को मतदान अवधि के पहले एक फार्म भरकर बताना होता है कि वे घर पर ही वोट डालना चाहते हैं। यह सुविधा खासतौर पर चलने फिरने में असमर्थ मतदाताओं के लिए प्रभावी है।

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