मतलब – दो दिन तक पॉजिटिव मरीज घुमेगा कोरोना केरियर बनकर
उज्जैन। इंदौर में लगातार केस बढऩे से घबराए लोग अब प्रायवेट लेब में जाकर कोरोना की जांच करवा रहे हैं। जांच करवाने वालों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ गई है कि उज्जैन और इंदौर में प्रायवेट जांच करने वाली एक पैथालॉजी लेब के संचालकों ने जांच करवाने वालों को मंगलवार दोपहर बाद से कहना शुरू कर दिया है। दो दिन में आएगी जांच रिपोर्ट, आप कहो तो सैंपल ले लें। या फिर आप चले जाओ सरकारी अस्पताल।
मरता क्या न करता….की तर्ज पर व्यक्ति कहता है- सरकारी अस्पताल में तो हालत बहुत खराब है। हमारी जांच निगेटिव आने की होगी तो वहां आ जाएगी पॉजिटिव। आप तो ऐसा करो, दो दिन बाद दे देना रिपोर्ट, सैंपल तो ले लो। और प्रायवेट पैथालॉजी वाले ऐसे लोगों को सेम्पल लेकर रवाना कर रहे हैं ।
इस संबंध में कोरोना के मामले देख रहे एक ख्यात चिकित्सक का अनौपचारिक चर्चा में कहना है- देखिये, हम यदि नामजद कहेंगे तो आरोप लगेंगे कि हमारा कोई हित होगा, लेकिन साधारण सी बात है कि जितने लोग प्रायवेट पैथालाजी लेब में जांच करवाने जा रहे हैं,उनमें से यदि 10 प्रतिशत भी पॉजिटिव आए तो वे दो दिन तक,रिपोर्ट नहीं आने के चलते शहरभर में घुमेंगे। कोरोना फैलाएंगे। जब रिपोर्ट आएगी, तब या तो प्रायवेट हॉस्पिटल जाएंगे या फिर सरकारी में आएंगे, जिसकी संभावना कम है। लेकिन तब तक वे कितनों के ही सम्पर्क में आ चुके होंगे और कोरोना का संक्रमण फैला चुके होंगे। जिनकी हर्ड इम्युनिटी नहीं है, वे आने वाले दिनों में संक्रमित होकर उभरेंगे।
प्रशासन यहां दे ध्यान, वरना हो जाएगी देरी
कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के पिछे सरकारी चिकित्सकों का एक तर्क है, जिस पर प्रशासन को ध्यान देना होगा। जिला अस्पताल या माधवनगर हॉस्पिटल में कोरोना की जांच करवाने वाले व्यक्ति से एक पर्चा भरवाया जाता है कि वह जांच रिपोर्ट आने तक होम क्वारेंटाईन रहेगा। जैसे ही रिपोर्ट आती है, रैपिड रिस्पांस टीम संबंधित पॉजिटिव तक पहुंचती है। प्रायवेट पैथालॉजी वाले जांच रिपोर्ट आने पर संबंधित को एसएमएस करते हैं। उसके साथ सीएमएचओ कार्यालय को भेजते हैं। वहां रिपोर्ट पहुंचने के बाद अलर्ट जारी होता है। तब तक का समय भी अतिरिक्त होता है। प्रायवेट जांच करवाने वाले को भय नहीं रहता है कि वह होम क्वारेंटाईन नहीं है तो उस पर कोई कार्रवाई हो सकती है। इन सब बातों के चलते आने वाले दिनों में शहर में संक्रमण का सामाजिक दायरा और अधिक जगह घेर सकता है।