भारत में मिला कोरोना का एक और नया वैरिएंट

देश में कोरोना के खिलाफ तेजी से चल रहे टीकाकरण अभियान के बीच वायरस के नए-नए वैरिएंट का मिलना लगातार जारी है। अब इसको लेकर एक और डराने वाली खबर आ रही है। पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने वायरस की जिनोम सीक्वेंसिंग के जरिये कोरोना के एक नए वैरिएंट का पता लगाया है, जिसे B.1.1.28.2 नाम दिया गया है। यह नया वैरिएंट ब्रिटेन और ब्राजील से भारत आए लोगों में पाया गया है। भारत में पाए गए कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तरह ही इसे भी खतरनाक माना जा रहा है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा है कि डेल्टा वैरिएंट कोरोना के अल्फा वैरिएंट से 40 फीसदी अधिक संक्रामक है। कहा जा रहा है कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक दी जा चुकी है, वो भी डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे में B.1.1.28.2 नामक नए वैरिएंट के आने से चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। आइए जानते हैं कि यह नया वैरिएंट कितना खतरनाक है और इसके लक्षण क्या हो सकते हैं?

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नए वैरिएंट को लेकर एनआईवी की इस स्टडी को ऑनलाइन पत्रिका बायोरिक्सिव (bioRxiv) में प्रकाशित किया गया है। एनआईवी की स्टडी में पाया गया है कि यह वैरिएंट लोगों को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। इससे संक्रमित मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण दिख सकते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नए वैरिएंट B.1.1.28.2 का प्रमुख लक्षण वजन कम होना है। इससे संक्रमित मरीज का वजन अचानक से कम होने लगता है। अगर इसका संक्रमण तेजी से फैले तो श्वास नली पर असर पड़ता है और साथ ही मरीज के फेफड़े क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। यह फेफड़ों में घाव कर देता है और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाता है।

एनआईवी का कहना है कि इस नए वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन असरदार है या नहीं, इसके लिए स्क्रीनिंग की जरूरत है। हालांकि एनआईवी की एक अन्य स्टडी में बताया गया है कि स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन इस वैरिएंट पर भी असरदार है, वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद शरीर में जो एंटीबॉडीज बनती हैं, उससे इस नए वैरिएंट को निष्क्रिय किया जा सकता है।

विशेषज्ञ कहते हैं कि चाहे कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो, कितना भी खतरनाक हो, उससे बचने का एकमात्र उपाय कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन है। मास्क लगाकर रहें, बेवजह घर से बाहर न जाएं, हाथ साबुन-पानी से धोते रहें या सैनिटाइज करें और सबसे जरूरी लोगों से सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाकर रहें। ये उपाय आपको कोरोना के संक्रमण से बचा सकते हैं।

स्रोत और संदर्भ:
Isolation of SARS-CoV-2 B.1.1.28.2 P2 variant and pathogenicity comparison with D614G variant in hamster model
https://www.biorxiv.org/content/10.1101/2021.05.24.445424v1

नोट: यह लेख ऑनलाइन पत्रिका बायोरिक्सिव (bioRxiv) में प्रकाशित स्टडी के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण हों अथवा आप किसी रोग से ग्रसित हों तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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