उज्जैन:महाकाल में पुराने रास्ते बंद, गेट नंबर 4 से दे सकते प्रवेश

By AV NEWS

सिर्फ दो गेट से आवागमन संभव : मंदिर समिति को बनाना पड़ेंगे प्रवेश के नये नियम

उज्जैन।महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार और स्मार्ट सिटी योजना के तहत विभिन्न निर्माण कार्य जारी हैं इस कारण मंदिर में प्रवेश के पुराने तीन गेट बंद हो चुके हैं। वर्तमान में सिर्फ दो गेट ऐसे हैं जहां से आम श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा सकता है, जबकि मंदिर में दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत दर्शनार्थियों को अलग-अलग केटेगरी में विभाजित कर प्रवेश दिया जाता रहा है। अब जबकि 28 जून से कोरोना नियमों के अंतर्गत आजमन को भगवान के दर्शनों हेतु प्रवेश दिये जाने का निर्णय हो चुका है ऐसे में मंदिर समिति को अब प्रवेश और निर्गम के लिये नये नियम बनाना पड़ेंगे।

पूर्व की प्रवेश और निर्गम व्यवस्था
महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य दर्शनार्थियों को मंदिर के पीछे शंख द्वार से प्रवेश दिया जाता था। वीआईपी प्रवेश महाकालेश्वर मंदिर धर्मशाला से और 250 रुपये सशुल्क दर्शनार्थियों को शंख द्वार के पास और गेट नंबर 4 भस्मार्ती द्वार से प्रवेश दिया जाता था। सामान्य दर्शनार्थियों व सशुल्क का निर्गम द्वार एक ही था जबकि वीआईपी धर्मशाला के जिस मार्ग से प्रवेश करते उसी मार्ग से बाहर निकलते थे।

किस मार्ग की क्या है स्थिति
वर्तमान में सामान्य और सशुल्क दर्शनार्थियों के मंदिर में प्रवेश के शंख द्वार के सामने निर्माण कार्य के कारण खुदाई चल रही है। पूरा मार्ग खोदकर मिट्टी के ढेर पड़े हैं। यहां से धर्मशाला की ओर आने वाला पूरा सीमेंटेड मार्ग खोदा जा चुका है। धर्मशाला तुड़ाई का काम जारी है और अभी जीर्णशीर्ण अवस्था में है इस कारण यहां से किसी को प्रवेश दिया जाना संभव नहीं। मुख्य प्रवेश द्वार के आगे भी परिसर विस्तार के अंतर्गत निर्माण कार्य जारी है। भारत माता मंदिर से टनल की ओर जाने का मार्ग भी पूरी तरह बंद है।

नया प्रवेश और निर्गम द्वार बनाना होगा
महाकाल मंदिर के आसपास चल रहे निर्माण की वजह से प्रवेश और निर्गम के रास्ते बंद हैं और प्रशासन द्वारा 28 जून से मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाना है ऐसे में मंदिर में प्रवेश के सिर्फ दो रास्ते बचे हैं गेट नंबर 4 भस्मार्ती द्वार और महाकाल धर्मशाला कोटितीर्थ के पास से। यदि गेट नंबर 4 से सामान्य व सशुल्क दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जाता है तो निर्गम व्यवस्था भी इसी गेट से रखना होगी। वहीं वीआईपी, पुजारी, मंदिर कर्मचारी के लिये धर्मशाला वाला मार्ग आवागमन के लिये रखना होगा।

सभी की सुविधा का रखें ध्यान
महाकालेश्वर मंदिर के पं. महेश पुजारी ने बताया कि निर्माण कार्यों की वजह से पूर्व के मार्ग बंद हैं, ऐसे में मंदिर समिति को सभी लोगों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए निर्णय लेना होगा साथ ही यह भी जरूरी है कि कोरोना नियमों का पालन हो।

यहां है प्रसन्नता
मंदिर में श्रद्धालुओं को फूल-प्रसादी चढ़ाने की अनुमति मिलने के बाद रोजनदार काफी प्रसन्न हैं। उन्हे लम्बे समय बाद रोजगार मिलेगा। ज्ञात रहे मंदिर के बाहर फूल-प्रसादी बेचनेवालों का एक बड़ा वर्ग है,जिनकी आजीविका मंदिर से ही जुड़ी हुई है।

यहां है निराशा
मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अभी तक अभिषेक करवाने संबंधी कोई निर्णय नहीं लेने के कारण पण्डे-पुरोहितों में काफी निराशा है। उनके अनुसार अभिषेक की अनुमति दे दी जाए,भले ही श्रद्धालु एक या दो हो। रसीद कटने से जहां मंदिर की आय बढ़ेगी वहीं पण्डे-पुरोहित भी लाभान्वित होंगे। उनके पाट पर बैठने के लिए मंदिर परिसर में दूरी बनाकर व्यवस्था कर दी जाए। चूंकि वैक्सीन लगवानेवाले को ही प्रवेश दिया जाएगा,या फिर आरटीपीसीआर निगेटिव्ह होने पर आने दिया जाएगा,तब इतना सोच विचार क्यों? यह मांग दो दिन जोर पकड़ सकती है।

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