उज्जैन में वैक्सीन की कमी, सेंटर पर लोगों का हंगामा, पुलिस बुलाना पड़ी

वैक्सीनेशन के लिए ऐसी भीड़, कहीं भारी न पड़ जाए

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उज्जैन। जुलाई माह की शुरूआत से चल रही कोरोना वैक्सीन की कमी अब तक खत्म नहीं हो पाई है। तीसरी लहर की संभावना, सरकारी और प्रायवेट सेक्टर के कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने की अनिवार्यता और पहला डोज लगवाने 84 दिन पूरे होने के कारण वैक्सीनेशन सेंटरों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। नतीजा स्वास्थ्य विभाग का मैनेजमेंट पूरी तरह फैल हो गया। वैक्सीन नहीं लगने से लोगों में आक्रोश है और कई सेंटरों पर विवाद कर रहे लोगों को समझाने के लिये पुलिस बल लगाना पड़ा है।

पिछले माह तक वैक्सीनेशन महाअभियान चलाकर देश में नंबर वन पोजिशन बनाने वाले मध्यप्रदेश के वैक्सीनेशन सेंटर इन दिनों वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं। कोरोना वैक्सीन का पहला व दूसरा डोज लगवाने के लिये लोग सुबह 7 बजे से सेंटरों पर पहुंचकर या तो लाइन लगा रहे हैं या फिर टोकन लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाये जा रहे वैक्सीनेशन के सभी प्लान लोगों की लगातार बढ़ती भीड़ के सामने फैल होते नजर आ रहे हैं। बुधवार को टीकाकरण विभाग द्वारा शहर में कोविशिल्ड वैक्सीन 34 सेंटरों पर और को वैक्सीन 22 सेंटरों पर लगाई गई थी जिसे घटाकर आज कोविशिल्ड के 18 और को वैक्सीन के 4 सेंटर कर दिये गये हैं। अधिकारी बताते हैं कि एक सेंटर पर दो टीमों को वैक्सीनेशन के लिये लगाया गया है ताकि लोगों को अधिक समय तक इंतजार न करना पड़े।

1 सेंटर को मिले 400 डोज
बुधवार को टीकाकरण विभाग द्वारा प्रत्येक सेंटर को 150 डोज उपलब्ध कराये थे लेकिन सेंटरों की संख्या अधिक थी। गुरूवार को सेंटरों की संख्या कम करते हुए डोज संख्या 400 कर दी गई। इस प्रकार के मैनेजमेंट का भीड़ पर कोई असर नहीं हुआ। लोग तलाश करते हुए जिस सेंटर पर वैक्सीनेशन हो रहा था वहां पहुंचने लगे। कुछ सेंटरों पर लोगों को टोकन बांटकर लाइन में खड़ा कर दिया गय, उसके बाद वैक्सीन लगवाने आये लोगों को टोकन नहीं मिलते तो हंगामा शुरू हो गया। जालसेवा, जीडीसी, वेदनगर आदि सेंटरों पर माधव नगर और नानाखेड़ा पुलिस ने पहुंचकर आक्रोशित लोगों को शांत कराया।

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