भीड़ नहीं फिर भी व्यवस्था पुरानी, भादौ माह की पहली सवारी आज निकलेगी
उज्जैन। सावन माह में देश भर से हजारों श्रद्धालुओं के महाकाल दर्शन के लिये आने के कारण जिला प्रशासन द्वारा दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया था। सावन माह समाप्त होने के बाद लोगों की संख्या भी सामान्य हो गई लेकिन प्रशासन द्वारा अब भी दर्शनों के लिये सावन माह की व्यवस्था ही लागू रखी गई है इस कारण लोगों को भीड़ नहीं होने के बावजूद लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है।
सावन माह में सामान्य दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर के सामने से प्रवेश देकर हरसिद्धी चौराहा, बड़ा गणेश के सामने से टर्न करते हुए रूद्रसागर, शंख द्वार से टनल के रास्ते मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा था। यही व्यवस्था सशुल्क दर्शनार्थियों के साथ भी रखी गई थी। उन्हें दूसरे बेरिकेड्स से प्रवेश दिया जा रहा था। प्रशासन की यह व्यवस्था भीड़ नियंत्रण और लोगों को आसानी से दर्शन कराने के लिये थी।
अब भी यह व्यवस्था जारी
रक्षाबंधन पर्व के साथ ही सावन माह का समापन हो गया और अब लोगों की भीड़ भी कम हो चुकी है, लेकिन प्रशासन द्वारा भादौ मास के पहले सोमवार को भी सावन माह की व्यवस्था को यथावत रखा है। भीड़ नहीं होने के बावजूद सामान्य और सशुल्क दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर से बेरिकेड्स में प्रवेश दिया जा रहा है साथ ही चार नंबर गेट की ओर से बड़ा गणेश घाटी की तरफ आवागमन प्रतिबंधित है। यहां से सिर्फ वीआईपी, प्रोटोकॉल को ही प्रवेश दिया जा रहा है।
सवारी के ऑनलाइन दर्शन ही कर सकेंगे
भगवान महाकाल की श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी के क्रम में पांचवी सवारी निकाली सोमवार को निकाली जाएगी। सवारी में भगवान चन्द्रमौलिश्वर चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। साथ ही श्री मनमहेश हाथी पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। सभामंडप में परंपरागत पूजन के बाद सवारी मुख्य द्वार से श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि मंदिर के समीप से होकर नृसिंह घाट रोड, सिद्धाश्रम के सामने से शिप्रा तट रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से बाबा के अभिषेक पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि पाल से हरसिद्धि मंदिर पर मां हरसिद्धी व बाबा महाकाल की आरती के बाद श्री बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी। सवारी के दौरान सभामंडप में प्रवेश वर्जित रहेगा। वेबसाइट व सभी स्थानीय चैनलों एवं फेसबुक पेज पर भगवान की सवारी का सीधा प्रसारण (लाइव) किया जाएगा।