जिंदगी का अहम हिस्सा है पड़ोसी, इस तरह निभाये रिश्तों को

भारत एक ऐसा देश है, जहां पड़ोसियों को भी परिवार की तरह ही समझा जाता है। यहां अलग-अलग सांस्कृतिक माहौल के चलते कई तरह के त्योहार और रस्म निभाए जाते हैं।
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ऐसे मौके पर पड़ोसियों का महत्व और भी बढ़ जाता है। हालांकि बड़े शहरों में तो यह हालात हैं कि लोग यह जानना भी जरूरी नहीं समझते कि पड़ोस में कौन रह रहा है। लेकिन थोड़ी सी कोशिश से आप पड़ोसियों से अपने संबंधों को मधुर बना सकते हैं।
ऐसे बनाये पड़ोसी के साथ अच्छा रिलेशन :-
अपने पड़ोसी के साथ हमेशा अच्छे व्यवहार करें. क्योंकि जीवन के लिए शांति बहुत जरूरी है. शांति का एक पक्ष पड़ोसियों से बेहतर तालमेल के जरिये पाया जा सकता है. आप के अच्छे व्यवहार से आप के पड़ोसी सदैव आप के बन सकते हैं |
दुनिया में कोई भी परफेक्ट नहीं होता. आप भी नहीं, वो भी नहीं. ऐसे में छोटी-छोटी ग़लतियों को नज़रअंदाज़ करने में ही बुद्धिमानी होती है. यह मान के चलिए कि वह भी आपकी ग़लतियों को नज़रअंदाज़ करती हैं. इस तरह से थोड़ा समझोता करें |
कभी भी अपने पड़ोस में रहने वाले इंसान की बुराई न करें. कोशिश करें की उनसे मधुर रिश्ते बने रहें. क्योंकि पड़ोस में रहने वालो से सबसे बड़ी दरार की वजह है बुराई. इसी के चलते हम अपना रिश्ता पड़ोसी से खराब कर लेते हैं. अक्सर किसी दूसरे से अपने पड़ोसी की बुराई और उनके बारे में गलत बोलने से हम उनसे अपने रिश्ते खराब कर लेते है |
अगर घर में किसी भी तरह का जैसे शादी,बर्थडे, शादी का साल गिरा,पूजा त्यौहार आदि का पार्टी करने वाले हैं, तो पहले ही अपने पड़ोसियों को इस बारे में बता दें अन्यथा पार्टी के दौरान आप के पड़ोसी मूड खराब कर सकते हैं. पहले बताने से पड़ोसी शोर-शराबा होने पर ऐडजस्ट करने की कोशिश करेंगे |
सरलता से अपने पड़ोसियों से पूछें कि कहीं उन्हें आप की वजह से कोई दिक्कत तो नहीं हो रही. यह जान कर झगड़े की जड़ को ही ख़त्म कर सकते हैं |
ऐसे कायम रखें रिश्ते :-
पड़ोसियों से रिश्ते बनाने का सब से पहला नियम है कि उन्हें उन की प्राइवेसी दें। दोस्ती का हाथ जरूर बढ़ाएं, पर दखलअंदाजी न करें। अगर उन्हें किसी तरह की जरूरत है तो कोशिश करें कि आप उन की मदद कर सकें।आप हफ्ते में एक बार किटी पार्टी का प्रोग्राम भी बना सकते हैं। इस से आप एक-दूसरे के परिवारों से परिचित होंगे व आपसी संबंधों में मिठास भी रहेगी।
अक्सर घरेलू औरतें घरों में ही रहती हैं और केवल बच्चों को स्कूल से लाना, ले जाना ही करती हैं। ऐसी औरतें पड़ोस की दूसरी औरतों के साथ पास के बाजार या माल वगैरह में जाकर बाहरी दुनिया से रूबरू हो सकती हैं।अगर आपकी और आपके पड़ोसी की काम करने की जगह आसपास है तो गाड़ी में एक साथ भी जाया जा सकता है। इससे पैसों की बचत के साथ-साथ रिश्ते भी मजबूत होते हैं।








