उज्जैन में हर त्योहार सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर में मनाया जाता है, आज रक्षाबंधन पर्व पर भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी अर्पित की गई।
पुजारी परिवार की महिलाओं ने ही इमिटेशन रत्न जड़ित मोरपंखी यह राखी बनाई है। चार फीट की यह राखी शैव और वैष्णव परंपरा के समन्वय का प्रतिनिधित्व कर रही है।
भगवान शिव भगवान श्रीकृष्ण के आराध्य हैं। इसीलिए भगवान महाकाल को मोरपंख की राखी बांधी गई है।रक्षाबंधन पर भगवान महाकाल को राखी बांधने के बाद सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। मान्यता है कि श्रावण माह में उपवास करने के बाद रक्षाबंधन के दिन महाकाल के अर्पित किए गए लड्डू प्रसाद लेकर उपवास का समापन होता है।