पार्टनर के साथ भूलकर भी न करे ये गलतियाँ

By AV NEWS

कोई भी रिश्ता निभाने के लिए पार्टनर्स के बीच प्यार के साथ एक दूसरे के काम और स्पेस का ख्याल रखना भी जरूरी है, लेकिन कई लोग अपने पार्टनर और उस रिश्ते के प्रति ओवर पजेसिव हो जाते हैं. जिसके बाद उनके बीच मुश्किलें खड़ी होनी शुरू हो जाती हैं. पार्टनर का अपने दूसरे पार्टनर के लिए ओवर पजेसिव होना रिलेशनशिप के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है.

व्यक्ति ओवर पजेसिव होकर अपने साथी के साथ अलग बर्ताव करने लगता है जैसे हर बात पर टोकना, शक करना और हजारों सवाल पूछना. व्यक्ति की इनसिक्योरिटी पिछला कोई बुरा अनुभव या कोई अन्य कारण ऐसे बर्ताव की वजह हो सकती हैं, लेकिन ओवर पजेसिव होना किसी भी रिश्ते के लिए ठीक नहीं होता है. आइए जानते हैं ओवर पजेसिव होने के संकेत और बचाव के उपाय

अपने पार्टनर के लिए पजेसिव होना अच्छी बात है लेकिन, आपका ओवर पजेसिव होना आपके रिश्ते में खटास ला सकता है. ज्यादा पजेसिव होने से कई बार पार्टनर आपसे दूरियां बनाने लगता है और यह दूरियां ही कभी कभी रिश्ते को ही खत्म कर देती हैं.

पॉर्टनर के लिए पजेसिव होने के कई कारण हो सकते हैं जिसमें जलन, ट्रॉमा और असुरक्षा की भावना शामिल हो सकती है. कई बार बचपन की उपेक्षाओं की वजह से भी लोग ओवर पजेसिव हो जाते हैं, लेकिन यह जब एक लिमिट से ज्यादा बढ़ता है तो रिश्ते के लिए नुकसानदायक साबित हो जाता है.

दो लोगों के बीच का रिश्ता प्यार और सम्मान का रिश्ता होता है. यह रिश्ता काफी नाजुक होता है इसलिए छोटी सी बात पर भी इसमें दरार आ जाती है. इसलिए जरूरी है कि आप रिश्तों के बीच में कुछ सीमाएं निर्धारित करें और दोनों लोग इसका पालन करें.

क्या है पजेसिवनेस

पार्टनर के साथ नार्मल नेचर के साथ रहना और एक कंट्रोलिंग और पजेसिवनेस के साथ रहना दोनों पूरी तरह से अलग बातें हैं. जब रिश्ते में जलन और असुरक्षा की भावना आ जाती है तो अक्सर कपल एक दूसरे के लिए पजेसिवनेस की सीमा को पार कर जाते हैं. पजेसिवनेस के कारण ही दोनों एक दूसरी की स्वतंत्रता और फीलिंग्स को भी प्रतिबंधित करने लगते हैं. पजेसिवनेस के चलते ही दोनों गुपचुप तरीके से एक दूसरे की जानकारी लेने लगते हैं और कुछ गलत मिलने पर गुस्सा हो जाते हैं. कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि छोटी सी बात पर रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है.

पजेसिवनेस के बचने के तरीके

कई बार अतीत की बातें रिश्ते को पूरी तरह से खोखला बना देती हैं, इसलिए जरूरी है कि कभी भी अपने पार्टनर से उसे दुख पहुंचाने वाली अतीत की बातें न करें. जितना संभव हो अतीत के बारे में कम सोचे और पार्टनर के साथ लाइफ बिताने की प्लानिंग करें. आप अतीत में जो कुछ हुआ है उसे भुलाकर एक नई शुरुआत कर सकते हैं.

बिना किसी बंधन के अपनी लाइफ जिएं

रिश्ते में आने का यह मतलब नहीं होता कि आप अपने शौक को खत्म कर दें. आप नौकरी करना चहाते हैं तो नौकरी या फिर घूमने का शौक रखते हैं तो बिना किसी प्रतिबंध के घूमें. पार्टनर के साथ जरूर समय बिताएं लेकिन कुछ समय अपनी परर्सनल लाइफ को भी दें. इससे रिश्ते में नयापन आएगा और एक दूसरे से बात करने के लिए नए टॉपिक्स भी मिल जाएंगे.

कभी भी दूसरे पर मर्जी न थोपें

कभी भी किसी रिश्ते को जबरदस्ती बांध कर नहीं रखा जा सकता. अगर आप हर बार, हर समय अपने पार्टनर पर अपनी मर्जी थोपेंगें तो इससे वह खुद को बंधा हुआ महसूस करेगा और रिश्ते में दरार आने की संभावना भी बढ़ जाएगी. कोई भी रिश्ते में बंधकर नहीं रहना चाहता क्यों सबकी अपनी फीलिंग्स होती है. हर पार्टनर को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

जलन को अपने ऊपर हावी न होने दें

जलन किसी भी रिश्ते को बर्बाद कर सकती है फिर चाहे वह भाई भाई का रिश्ता हो, भाई बहन का रिश्ता, दोस्ती का रिश्ता हो या फिर प्यार का रिश्ता हो. जलन रिश्ते को खत्म करने के साथ साथ घृणा और कड़वाहट को भी बढ़ाती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने नेगेटिव बिहेवियर को पॉजिटिव नेचर में बदलें.

एक दूसरे के दोस्तों को जानें

रिश्ते में बढ़ती जलन को रोकने का एक शानदार तरीका है कि आप एक दूसरे के दोस्तों को जानें और उनसे मेलजोल बढ़ाएं. इससे रिश्ते में जलन और शक की संभावना कम हो जाएगी.

Share This Article