छात्रों का आरोप, शिकायत सुनने की बजाय कुलसचिव बोले तुम से जो बने कर लेना

By AV NEWS

कुलसचिव की टिप्पणी पर विक्रम विवि में हंगामा

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में प्रतिदिन विवादास्पद मामले सामने आ रहे है और विवाद भी खड़े हो रहे है। अब कुलसचिव की द्वारा की गई कथित तौर पर की गई टिप्पणी को लेकर हंगामा हो गया। छात्रों का आरोप है कि कुलसचिव ने शिकायत सुनने की बजाय कहा कि आंदोलन करना तुम्हारा रोज का काम हो गया है..तुम लोगों से जो बने कर लेना।

कुलपति ने छात्र-छात्राओं की बात सुनकर सभी को शांत किया। विक्रम विश्वविद्यालय में रोज हो रहे हंगामे के बाद शुक्रवार को एक बार फिर विवाद की स्थिति बन गई। दरअसल खाचरौद तहसील से करीब 100 से अधिक छात्र-छात्राएं एनएसयूआई के बैनर तले बीएससी के मूल्यांकन में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर विवि पहुंचे थे। विद्यार्थियों का कहना था कि मूल्यांकन ठीक से नहीं होने के कारण प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को जीरो अंक मिले है।

शिकायत को लेकर विवि प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे से छात्र-छात्राओं की बात चल रही थी। कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने वहां मौजूद छात्र नेताओं को देखकर कहा कि तुम्हारा तो रोज का काम है आन्दोलन करना। छात्रों ने कहा कि समस्या और अनियमितता होगी तो यहां आना ही पड़ेगा। इस दौरान कुलसचिव और छात्र-छात्राओं में तीखी बहस हुई। तभी कुलसचिव डॉ.पुराणिक ने कहा कि तुम लोगों से जो बने कर लेना। इस के बाद वे कक्ष में चले गए।

कुलसचिव के इस रवैए का छात्र-छात्राओं ने विरोध कर नारेबाजी की। पुलिस ने छात्रों को अलग किया। कुलपति प्रो. पांडे ने छात्रों को शांत किया और उनकी की बात सूनकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। छात्राओं ने कुलपति को कुलसचिव के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया है। प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अंबर माथुर, प्रदेश महासचिव प्रीतेश शर्मा, प्रदेश सचिव तरूण गिरी मौजूद थे।

ऐसे व्यवहार की उम्मीद नहीं थी

छात्राओं ने कहा हम तो मूल्यांकन गलत होने के कारण रिजल्ट की समस्या के हल के लिए आए थे। यहां पर कुलसचिव ने छात्राओं से गलत तरीके से बात की। छात्राओं का कहना था कि हम यहां सौ किलोमीटर दूर से समस्या का निराकरण कराने के लिए आए थे,कुलसचिव की इस तरह की बाते सूनने के लिए नहीं। विश्वविद्यालय में गलत मूल्यांकन होने के कारण ही पढऩे वाली छात्राओं को भी जीरो अंक दिए है। कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक ने कहा कि उनके द्वारा किसी प्रकार की कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

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