Advertisement

लोटस हॉस्पिटल प्रबंधन ने की भूल स्वीकार

नगर निगम को पत्र लिख दी शिशु के जन्म की सही जानकारी

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

उज्जैन। आखिरकार फ्रीगंज वररूचि मार्ग स्थित लोटस हॉस्पिटल प्रबंधन को शिशु के जन्म तारीख में संशोधन कर नगर निगम को भेजना ही पड़ी। दरअसल, बडऩगर निवासी कमलेश पाटीदार की पत्नी अर्चना पाटीदार ने 18 अक्टूबर 2022 को बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन हॉस्पिटल स्टाफ द्वारा जन्म प्रमाण-पत्र के लिए जारी दस्तावेजों में 17 अक्टूबर यानी एक दिन पहले ही शिशु का जन्म दर्शा दिया गया था।

इससे जुड़ी खबर को अक्षरविश्व ने 4 जनवरी के अंक में प्रमुखता से उठाया। इसका असर यह हुआ कि हॉस्पिटल प्रबंधन हरकत में आया और उन्होंने नगर निगम को पत्र लिखकर अपनी भूल स्वीकार की। खास बात यह है कि खबर छपने के दूसरे दिन ही हॉस्पिटल प्रबंधन ने पत्र के माध्यम से नगर निगम को बताया कि श्रीमति अर्चना पाटीदार लोटस हॉस्पिटल में 17 अक्टूबर 2022 को भर्ती हुई और उन्होंने बच्ची को जन्म 18 अक्टूबर को दिया है। गलती से स्टाफ ने उसे 17 अक्टूबर 2022 लिख दिया था। कृपया कर सही जन्म प्रमाण पत्र बनाने का कष्ट करें।

Advertisement

बता दें कि निजी हॉस्पिटलों की लापरवाही के कारण आए दिन जन्म प्रमाण पत्र बनवाने और उसमें संशोधन करवाने आए अभिभावकों को सही जन्म प्रमाण पत्र के लिए कई बार नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद भी शहर के कई हॉस्पिटल और नर्सिंग होम संचालक अपने यहां जन्म लेने वाले बच्चों की सही जानकारी जन्म एवं मृत्यु शाखा विभाग नगर निगम को देने में लापरवाही बरत रहे हैं। ऐसे माामलों में नगर निगम जन्म शाखा के अधिकारी भी निजी हॉस्पिटल द्वारा भेजी गई गलत जानकारी को सही मान जन्म प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं।

Advertisement

Related Articles