उज्जैन नगर में बने 1 लाख 68 हजार 880 आयुष्मान कार्ड नहीं बंटे अभी तक

गजब की लापरवाही : लोग भटकर रहे उपचार के लिए…

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कौन जिम्मेदार, कोई नहीं बता रहा, पल्ला झाड़कर दे रहे एक-दूसरे को जिम्मेदारी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। नगर निगम सीमा में 1 लाख 68 हजार 880 ऐसे जरूरतमंद हैं, जिनको उपचार की आवश्यकता है और जिन्हें अभी तक आयुष्मान कार्ड प्राप्त नहीं हो पाए हैं। इसके पीछे के क्या कारण हैं, इसे लेकर मंगलवार दोपहर नगर निगम के निगम परिषद सभागृह में आशा कार्यकर्ताओं की एक वृहद् बैठक नोडल अधिकारी डॉ. के.सी.परमार ने ली।

इस बैठक में जितनी आशा कार्यकर्ता थीं, उनके मन में इस बात को लेकर आक्रोश था कि करें कोई और भरे कोई…। दबे शब्दों में अनेक आशा कार्यकर्ता बतिया रही थी कि आयुष्मान कार्ड बनने के बाद नगर निगम सीमा में शहर के सभी 54 वार्डो में आखिर क्यों नहीं बंट पाए? इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं,उनके खिलाफ क्या कार्रवाई गई? बैठक समाप्ति के बाद जब इस प्रतिनिधि ने आशा कार्यकर्ताओं से इसी बारे में पूछा तो वे इतना ही बोली: इसके लिए आप स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम के जिम्मेदारों से बात करो।

हम क्या कह सकती हैं। हमें तो 7 दिन का टारगेट दे दिया गया है। लंबी सूची देकर कहा गया है कि जितने पते दिए गए हैं, उनके घर जाओ तथा चर्चा करके आयुष्मान कार्ड दे आओ। बारिश हो या संबंधित ने अपने घर का पता बदल लिया हो, उससे अधिकारियों को कोई लिजे-दिजे नहीं। कार्ड बंट जाना चाहिए संबंधित परिवार को।

पूरे जिले के हालात ठीक है

इस संबंध में डॉ. परमार से मौके पर ही पूछा गया कि आखिर ये कार्ड बच कैसे गए? इसके लिए जिम्मेदार कौन है? इस पर उन्होने केवल इतना ही कहा कि पूरे जिले के हालात ठीक है, नगर निगम सीमा में ही बच गए थे, अब बंट जाएंगे। बैठक में उपस्थित निगम के झोन अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होने कहा-आयुष्मान कार्ड क्यों नहीं बंटे, इसका जवाब डॉ. परमार देंगे। हमारा काम तो आशा कार्यकर्ताओं को सहयोग करने का है। अपने-अपने झोन में हमारे कर्मचारी पता ढूंढने में सहयोग कर देंगे। बांटना तो उन्हे ही है।

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