उबड़-खाबड़ रास्ता पार नहीं कर पाई गर्भवती, उपचार से पहले मौत…

By AV NEWS

उबड़-खाबड़ रास्ता पार नहीं कर पाई गर्भवती, उपचार से पहले मौत…

5 दिन पहले सोनोग्राफी में महिला और अजन्मा बच्चा स्वस्थ थे, पति का आरोप- खराब रास्ते ने ली पत्नी और बच्चे की जान

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:बडऩगर के कमानपुरा की रहने वाली गर्भवती महिला की बुधवार दोपहर प्रसूती के लिए चरक अस्पताल लाते समय रास्ते में मौत हो गई। पांच दिन पहले सोनोग्राफी में प्रसूता और अजन्मा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। लेकिन प्रसूती का दर्द उठने के बाद उबड़ खाबड़ लंबे रास्ते का सफर और समय पर उपचार नहीं मिलना प्रसूता और अजन्मे बच्चे की मौत का कारण बन गया। डेढ़ साल पहले ही महिला का विवाह हुआ था।

मिली जानकारी के अनुसार कमानपुरा की रहने वाली नीलू पति अर्जुन को परिजन मंगलवार सुबह करीब ६ बजे बडऩगर के स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर्स ने उसका परीक्षण किया और हालत गंभीर होने पर उज्जैन के चरक अस्पताल के लिए रवाना कर दिया।

सुबह 7 बजे परिजन उसे बडऩगर के अस्पताल से लेकर उज्जैन के लिए रवाना हुए। इसी दौरान रास्ते में ग्राम पंचायत चिकली के आसपास गर्भवती नीलू की सांसे थम गई। परिजन को लगा कि दर्द के कारण वह बेहोंश हो गई होगी और सुबह 10 बजे वे उसे सीधे चरक अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर्स ने बताया कि महिला के अजन्में बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी थी।

बडऩगर में कराई थी सोनोग्राफी

मृतक गर्भवती महिला नीलू का गर्भावस्था के पहले महीने से बडऩगर के स्वास्थ्य केंद्र पर पदस्थ महिला चिकित्सक डॉ. मोनिका कोठारी इलाज कराया जा रहा था। बीते गुरुवार को ही महिला को पति अर्जुन जांच के लिए बडऩगर लाया था। डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराई और दोनों को स्वस्थ्य बताया था। हालांकि बच्चे का वजन ज्यादा होने से सर्जरी से डिलीवरी का बताया था। परिजनों को उम्मीद थी कि डॉ. मोनिका कोठारी बडऩगर के अस्पताल में ही डिलीवरी कराएंगी लेकिन डिलीवरी से पूर्व डॉक्टर ने कहा कि बडऩगर के अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं है स्थिति गंभीर होने से उसे जिला अस्पताल उज्जैन रैफर किया गया। महिला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए रखवाया गया। गुरुवार सुबह पुलिस ने मर्ग कामय किया और पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

कमानपुरा से खरसौदकलां मार्ग 8 किमी मार्ग खराब

बडऩगर के कमानपुरा से खरसौकलां तक 8 किमी की सड़क पूरी तरह कच्ची और उबड् खाबड़ है। कई सालों से इसका निर्माण नहीं हुआ है। खरसौदकलां से बडऩगर तक भी 8 किमी में सड़़क तो बनी है लेकिन पिछले तीन-चार सीजन की बारिश झेल चुकी यह सड़क भी गड्ढों से भरी हुई है। इसी लंबे और खराब रास्ते के सफर में गर्भवती महिला और उसके अजन्में बच्चे की जान चली गई।

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