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CM शिवराज उत्तर से पारस जैन के लिए अड़े

आज रात तक अधिकृत सूची जारी होने की संभावना

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:प्रदेश सहित उज्जैन में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में उज्जैन उत्तर की टिकट भाजपा किसे देगी, इसको लेकर उत्सुकता बनी हुई है। सभी अपने अपने कयास लगा रहे हैं।

आज मंगलवार रात तक परिदृश्य साफ होने की संभावना है। अंदरखाने की खबर है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व विधायक पारस जैन के लिए अड़ गए हैं। वे चाहते हैं टिकट जैन को ही दिया जाए। आखिरी फैसला आज रात तक होने की संभावना है।

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भाजपा सूत्रों के अनुसार सोमवार को राजधानी भोपाल में हुई बैठक में उन सीटों के उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया गया, जिनको लेकर पेच बने हुए हैं। उज्जैन उत्तर सीट भी इनमें से एक है। बैठक में संभावित नामों पर विचार किया गया। कांग्रेस द्वारा घोषित उम्मीदवार माया त्रिवेदी के मद्देनजर भी भाजपा की चुनाव समिति प्रभारी ने मंथन किया। कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने नए समीकरण के तहत बदलाव के प्रस्ताव रखे, लेकिन सीएम शिवराज ने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा विधायक पारस जैन को ही वापस मैदान में उतारा जाए।

वे आखिरी तक जैन को ही टिकट देने के लिए अड़े रहे। जैन पूर्व में शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। शिवराज और जैन के बीच तालमेल भी बेहतर है। इस नए समीकरण से संभावना उभरी है कि जैन को एक बार फिर मैदान में उतारा जा सकता है। एक प्रस्ताव यह भी दिया गया है कि जैन को महिदपुर से टिकट दे दिया जाए ताकि कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी जा सके।

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इन चर्चाओं के साथ ही भाजपा की सूची को लेकर उत्साह चरम पर पहुंच गया है। अगर कोई पेच उलझा तो बुधवार को दोपहर तक सूची जारी की जा सकेगी। बैठक में पूर्व निगम सभापति सोनू गेहलोत, पूर्व यूडीए अध्यक्ष जगदीश अग्रवाल, प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा, ओम जैन और विभाष उपाध्याय के नामों पर भी चर्चा हुई, लेकिन एक राय नहीं बन सकी।

दिल्ली में मंगलवार को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सीएम शिवराज की चली तो जैन को ही दोबारा मैदान में उतारा जा सकता है। केंद्रीय समिति में उलटफेर हुआ तो सोनू गेहलोत को भी टिकट दिया जा सकता है।

ब्राह्मण वोट बैंक को साधने पर मंथन

उज्जैन उत्तर सीट से टिकट वितरण का फैसला करने के साथ ही इस मुद्दे पर भी मंथन हो रहा है कि ब्राह्मण वोट बैंक को कैसे साधा जाए, क्योंकि कांग्रेस इस बार माया त्रिवेदी को लाकर ब्राह्मण वोटर को खुश करने की रणनीति तैयार कर चुकी है। लिहाजा पार्टी टिकट देने की घोषणा से पहले इस वोट बैंक का विश्वास हासिल करने का भी प्रयत्न कर रही है।

सात बार चुनाव लड़े, एक बार हारे

अब तक का जो चुनावी परिदृश्य है, उसके अनुसार जैन पार्टी के टिकट से सात बार चुनाव लड़ चुके हैं और केवल एक बार 1998 में कांग्रेस के राजेंद्र भारती से हारे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक भारती अब भाजपा में हैं।

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