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चार दिन पहले ही फाइनल हो गया था कालूहेड़ा का टिकट…

कालूहेड़ा के सामने भाजपा की सीट को अपराजित रखने की बड़ी चुनौती

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन विधानसभा चुनाव के लिए सियासी जंग लडऩे वालों की तस्वीर साफ हो गई है। उज्जैन उत्तर सीट पर रोचक स्थिति बन गई है। भाजपा ने प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल जैन कालूहेड़ा को कांग्रेस की ब्राह्मण उम्मीदवार माया त्रिवेदी के सामने उतारने से यह स्थिति बनी है। कालूहेड़ा के लिए सीट पर भाजपा का कब्जा बनाए रखना बड़ी चुनौती मानी जा रही है। पार्टी ने शनिवार शाम उनको अधिकृत रूप से टिकट दिया, लेकिन चार दिन पहले ही यह फाइनल हो गया था।

 

उज्जैन उत्तर सीट पर टिकट देने से पहले भाजपा ने काफी मंथन के बाद कालूहेड़ा को मौका दिया। सूत्रों के अनुसार सीएम शिवराजसिंह चौहान ने भी चार दिन पहले ही कालूहेड़ा को चुनाव लडऩे के लिए तैयार रहने का संकेत दे दिया था। पार्टी इस सीट पर अपनी जीत को कायम रखने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है।

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त्रिकोणीय मुकाबले से कांटे की टक्कर

दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार माया त्रिवेदी भी जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, लेकिन कांग्रेस से बगावत का झंडा उठाकर आप पार्टी से उम्मीदवार बने विवेक (विक्की) यादव उनके लिए उनके लिए चुनौती बनते दिखाई दे रहे हैं। वे तीसरी ताकत के रूप में उभर रहे हैं। इससे कांग्रेस के वोट बैंक को खतरा हो रहा है। यादव टिकट मिलने की उम्मीद में आचार संहिता लागू होने के पहले ही काफी पैसा खर्च कर चुके हैं। इसलिए उज्जैन उत्तर में त्रिकोणीय मुकाबला काफी रोचक हो गया है, जो अभी कई मोड़ लेगा।

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मंत्री ‘विवेक’ को यह क्या दे गए इशारा…

भाजपा द्वारा अनिल जैन कालूहेड़ा को टिकट देने की घोषणा के बाद शनिवार शाम को पार्टी कार्यालय लोकशक्ति भवन पर आयोजित स्वागत समारोह के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री और दक्षिण क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार डॉ. मोहन यादव ने मंचीय भाषण में जो कहा वह पार्टी में ही चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने कहा मैं और कालूहेड़ा अब विधानसभा में चले जाएंगे। नगर अध्यक्ष विवेक जोशी भी सच्चा और अच्छा है। उत्तर वाले उत्तर और दक्षिण वाले दक्षिण में काम कर रहे हैं और जोशी घर बैठकर ही काम कर लेते हैं। यह भाषण विवेक जोशी के लिए किसी संकेत के रूप में लिया जा रहा है।

इसलिए चार दिन बाद घोषणा…

पार्टी ने चार दिन पहले ही कालूहेड़ा को टिकट देने का निर्णय ले लिया था। साथ ही विधायक जैन को भी यही कहा जा रहा था कि उनको एक बार फिर मैदान में उतरना है। शनिवार दोपहर तक यही स्थिति रही। इसके पीछे पार्टी की मंशा यह थी कि जैन को एकदम निराश नहीं किया जाए। इसी कारण कालूहेड़ा पिछले कुछ दिनों से उनके साथ ही रह रहे थे ताकि टिकट कटने के लिए उनको मानसिक रूप से तैयार किया जा सके।

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