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आप तो ऐसे न थे…..फिर ऐसा कैसे खो दिया विवेक…..?

कांग्रेस… आज-कल

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ललित ज्वेल. उज्जैन:रात्रि करीब 8 बजे का समय। एक मकान में चल रही गोपनीय मिटिंग में उज्जैन उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी माया त्रिवेदी और नाराज होने के बाद पुन: कांग्रेस पार्टी का काम शुरू करने वाले विवेक यादव। मीटिंग में उपस्थितों का परिचय करवाते हुए विवेक कहते जा रहे हैं….इनका नाम….है। ये फलां जगह अपने को मदद करेंगे। अंत में कहते हैं…पूरे 800 लोगों की मैरी टीम अब आपकी है।

 

केवल आपके लिए काम करेगी। मेरी एक ही इच्छा है, पिछले 18 सालों से जिस भाजपा के खिलाफ शहर में खड़ा हूं, उसे आप पराजित करें और यह सीट कांग्रेस की झोली में डालें। इतना कहने के बाद विवेक कक्ष से बाहर आ गए और अंदर माया त्रिवेदी उपस्थितजनों की बैठक लेकर अपनी रणनीति साफ की।

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विवेक के कक्ष से बाहर आते ही हमने उनसे इंटरव्यू शुरू किया तो विवेक बोले, ‘पूछिये शायद पहला प्रश्न यही होगा कि क्या मैं वास्तव में कांग्रेस और माया त्रिवेदी के लिए काम कर रहा हूं….? यह मेरी सफाई नहीं बल्कि पार्टी की जीत देखने का जुनून है।

मैंने छात्र राजनीति के साथ कांग्रेस में प्रवेश किया। उज्जैन उत्तर से वर्ष-2013 में तब चुनाव लड़ा, जब देशभर में नरेंद्र मोदी की हवा चल रही थी। मैं पार्टी के साथ खड़ा रहा। संभाग की 29 सीटों में से कांग्रेस केवल एक जगह जीती। मैं भी चुनाव हारा लेकिन जमीनी काम जारी रखा। अपनी टीम को और मजबूत बनाया तथा हर गली-मोहल्ले में कार्यकर्ता तैयार किए। वर्ष-2018 में सर्वे हुआ और उसमें मैं दूसरे नम्बर पर था। ऐसे में मैंने पार्टी का आदेश माना और टिकट के लिए जिद नहीं की। हम चुनाव हार गए।

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मेरा समाज को जोडऩे तथा कार्यकर्ता तैयार करने का सिलसिला जारी रहा। मैंने पिछले एक साल में पार्टी को फिर से उज्जैन उत्तर में खड़ा किया। 25 हजार बहनों से राखी बंधवाई और वचन दिया। शहर के 14 हजार युवाओं को जन्मदिन की बधाई के माध्यम से जोड़ा। इधर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सर्वे में जो पहले नम्बर पर आएगा, उसे टिकट दिया जाएगा। इस वर्ष-2023 के सर्वे में मैं पहले नम्बर पर आया। आश्वस्त था कि टिकट मिलेगा ही। पूरी टीम तैयार थी कि टिकट कट गया।

मैं भी इंसान हूं। अपनी बात रखने दिल्ली गया तो एक मित्र का सुझाव आया कि आम आदमी पार्टी के नेता मिलना चाहते हैं, मिल लो। मैं वहां गया और स्पष्ट रूप से कहा कि आज मिलने आया हूं,सदस्यता नहीं ले रहा हूं। आप मुझसे बात करके ही टिकट जारी करना।

उस समय उन्होने हां भरी और बाद में टिकट जारी कर दिया। इधर कांग्रेस के लीडर सुरजेवाला, कुलदीप इंदौरा, कमलनाथ, दिग्विजयसिंह, शोभा ओझा आदि ने मुझसे बात की तथा मैरी नाराजगी दूर की। मैंने वादा किया कि उज्जैन उत्तर इस बार कांग्रेस ही जीतेगी। इसीलिए यहां मीटिंग करके अपनी टीमों को माया त्रिवेदी से मिलवा रहा हूं। ताकि मैरी सारी ताकत इनके साथ हो जाए और उज्जैन उत्तर से कांग्रेस जीत जाए।’इस प्रश्न पर कि यदि हार हो जाती है तो उसकी जिम्मेदारी किसकी रहेगी? उन्होंने फिर से दावा किया कि केवल ओर केवल जीत होगी।’

चर्चा में विवेक यादव का कहना था कि उनसे गुस्से में आकर गलती हुई। उन्हें आम आदमी पार्टी के नेताओं से दिल्ली में नहीं मिलना था, लेकिन क्या करता? उस समय मैनें सभी नेताओं को फोन किया लेकिन किसी ने फोन रिसिव्ह नहीं किया। जब अपने तेवर बताए तो सभी के फोन आ गए। कुछ तो घर भी आए।

मैने सभी से कहाकि न तो मुझे इस त्याग के बदले कोई पर चाहिए और न ही कुछ ओर। जो हो गया सो हो गया। अब भाजपा को सत्ता से उखाडऩा है और कांग्रेस की बहुमतवाली सरकार बनाना है। उन्होंने यह भी दावा किया कि उज्जैन दक्षिण सहित जिलेभर में कांग्रेस का झंडा लहराएगा।

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