सड़कों का कायाकल्प…. न गुणवत्ता का पता ना ही मानीटरिंग की फिक्र…

By AV NEWS

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:नेता चुनाव लडऩे, अधिकारी चुनाव लड़वाने और ठेकदार अपनी मनमर्जी करने में व्यस्त है। शहर में सड़कों का कायाकल्प चल रहा है। इसमें न गुणवत्ता का पता और ना ही किसी जिम्मेदार को इसकी मानीटरिंग की फिक्र है। हाल में महामृत्युंजय द्वार से नानाखेड़ा होते हुए तीन बत्ती चौराहे तक डामरीकरण किया गया है।

ठेकेदारों और इंजीनियरों की मिलीभगत ने कायाकल्प योजना को ही पलीता लगा दिया। सवाल ये है कि निर्माण कार्य घटिया क्यों हुआ। यह स्थिति निगरानी में कमी का नतीजा है या मनमानी का। शासन के कायाकल्प अभियान अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन शहर में बनाई सड़कों में डामर और गुणवत्ता दोनों की कमी दिखाई दे रही है। इसका अनुमान मटेरियल की परत को देखकर लगाया जा सकता है। इस पर सही तरीके से रोलिंग भी नहीं की गई। कई जगह से पहले की सतह ही दिखाई दे रही है। स्थान-स्थान पर बिखरा हुआ मटेरियल देखा जा सकता है। सड़क की स्थिति पर हर किसी की प्रतिक्रिया है कि यह कितने दिन सुरक्षित रहने वाली है।

सड़कों के शासन द्वारा नगर निगम को कायाकल्प अभियान में करोड़ों रु. दिए गए है। निगम ने यह काम लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया था। इस पर राशि देने और काम करने वाले दोनों विभागों के जिम्मेदार ध्यान नही दें रहे है। सड़क देखकर लगता है कि यह सड़क चार माह भी नहीं टिकने वाली।

बता दें कि कुछ समय पहले कायाकल्प अभियान के तहत माधव क्लब रोड पर तीन बत्ती चौराहा से रेलवे स्टेशन तक डामरीकरण किया गया था और कुछ ही दिनों में इस डामरीकरण की परत उखडऩे लगी थी। गिट्टी भी इधर-उधर फैलने के बाद जनप्रतिनिधियों ने काम की गुणवत्ता को आड़े हाथों लिया था। इस पर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से चर्चा भी की थी। लेकिन इसका कोई असर फिलहाल तो डामरीकरण पर नजर नहीं आ रहा है।

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