कांग्रेस आज-कल
चेतावनी: एक हजार वोट ऐसे ही हो जाते हैं निरस्त
ललित ज्वेल. उज्जैन:प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा कमलनाथ ने प्रदेशभर के अपने कांग्रेस प्रत्याशियों तथा सीनियर लीडर्स को चेताया है कि हर प्रत्याशी कम से कम 5 हजार की लीड लेकर जीते। ऐसा न होने पर आशंका है कि एक हजार वोट ऐसे ही निरस्त कर दिए जाएं और हमारा प्रत्याशी जीतते-जीतते हार जाए।
गत चुनाव में हमारे प्रत्याशियों के साथ ऐसा हो चुका है। यह दावा अक्षरविश्व से चर्चा में शहर-जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजहुजूरसिंह गौर ने किया। श्री गौर ने बताया कि उन्हे स्वयं प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने और कमलनाथ ने फोन करके स्पष्ट किया कि हर प्रत्याशी 5 हजार या उससे अधिक लीड से जीते, इस बात की ओर ध्यान दें।
श्री गौर के अनुसार कमलनाथ ने उनसे चर्चा में कहा कि गत विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बहुतसारे प्रत्याशी बहुत ही कम अंतर से हारे थे। यह अंतर कम नहीं था बल्कि एक हजार से अधिक वोट तो निरस्त कर दिए गए थे। श्री गौर ने चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि उज्जैन नगर निगम में महापौर पद के चुनाव को ही लें तो महेश परमार यहां जीतते-जीतते मामूली अंतर से अचानक हार गए।
आज भी कांग्रेस यह मानती है कि महेश परमार हारे नहीं कथित रूप से हरवाए गए थे। यही कारण है कि उज्जैन जिले की सातों विधानसभा सीटों पर हम इस बार कोशिश कर रहे हैं कि सातों सीटें जीतें भी तो 5 हजार से अधिक वोटों के अंतर से। उनके अनुसार गत विधानसभा चुनाव में यदि भाजपा के प्रत्याशियों की जीत का अंतर प्रदेशभर में देखें तो कमलनाथ की आशंका सही साबित हो जाएगी।
क्या कर रहे हैं जिलेभर में जीत का अंतर बढ़ाने के लिए…?
इस संबंध में जब गौर से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि वार्ड स्तर पर कसावट लाए हैं। वहां से बूथ स्तर तक काम होगा। मतदाता घरों से मतदान करने तो निकले लेकिन वह कांग्रेस के पक्ष में मतदान करे, इस पर काम कर रहे हैं। मतदान का प्रतिशत इस बार अधिक रहा तो कांग्रेस के खाते में जाएगा। यदि प्रतिशत कम रहा तो आशंका है कि हम पिछड़ जाएं। फिर भी लीड लेने की स्थिति में जाने में ही फायदा होगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनन्तनारायण मीणा से चर्चा की तो उन्होने बताया कि यह सही बात है कि इस बार प्रत्येक प्रत्याशी को कम से कम 5 हजार वोटों की लीड लेना ही होगी। उन्होने उज्जैन उत्तर का उदाहरण दिया कि राजेंद्र भारती जब कांग्रेस से विधायक बने तो करीब साढ़े 3 हजार वोटों की लीड ली थी। इसी प्रकार डॉ. बटुकशंकर जोशी ने करीब 6 हजार वोटों से लीड लेकर जीत दर्ज की थी। हाल ही में वे स्वयं महापौर चुनाव में उज्जैन उत्तर से चुनाव संचालक थे। महेश परमार को 10 हजार वोटों से लीड दिलवाई थी।
यही काम इस बार माया त्रिवेदी के लिए करेंगे। श्री मीणा के अनुसार इसके लिए ठोस काम करना होगा। ऐसे ही कार्यालय खोलकर, उसमें बैठकर नहीं जीता जाता है चुनाव। कब कहां गड्ढा हो जाए। महेश परमार उत्तर में लीड लेने के बाद दक्षिण में पिछड़ गए थे। कांग्रेस को हार का मुॅंह देखना पड़ा। भले ही उसके पिछे कुछ अन्य छिपे कारण भी रहे हों, लेकिन लीड तो कम ही थी। यदि परमार 10 हजार की लीड दक्षिण से ले लेते तो चुनाव पलट जाता, आज कांग्रेस का महापौर होता।