सिंहस्थ से पहले चल सकती है उज्जैन- इंदौर वंदे मेट्रो ट्रेन

By AV NEWS

केंद्रीय रेल मंत्री से मुलाकात के बाद इंदौर के सांसद ने कहा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन/इंदौर:सिंहस्थ २०२८ से पहले उज्जैन- इंदौर के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन चल सकती है। इंदौर के सांसद शंकर शंकर लालवानी ने बताया कि क्षेत्र की रेल सुविधाओं में विस्तार के सिलसिले में उन्होंने रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की।

सांसद लालवानी ने उज्जैन-इंदौर से के बीच का सफर अब और आसान होने वाला है। दोनों शहरों के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन की शुरुआत होगी। इस विषय में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर अनुरोध किया। सांसद का कहना है कि रेल मंत्री वैष्णव ने इसके लिए सहमति दे दी। इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वंदे भारत ट्रेन की सौगात के बाद उज्जैन- इंदौर के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन मिलना बड़ी उपलब्धि होगी। इससे दोनों शहरों के आने-जाने वाले कर्मचारियों, छात्रों तथा आम नागरिक को सहूलियत मिलेगी। साथ ही, वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ के दौरान यातायात के दबाव को कम करने में इस ट्रेन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

रेलवे तैयार कर रहा हाई-स्पीड टेस्टिंग ट्रैक

जानकारों के अनुसार हाई-स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए इंडियन रेलवे हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक डेवलप कर रहा है। इस ट्रैक पर 220 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने वाली ट्रेनों की टेस्टिंग की जाएगी। यह टेस्टिंग ट्रैक 59 किलोमीटर लंबा होगा, जो राजस्थान के जयपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर जोघपुर मंडल में गुढा-थथाना मीठड़ी के बीच तैयार किया जा रहा है।

इंटरनेशनल टेस्टिंग फैसिलिटी

आने वाले सालों में इस ट्रैक पर वंदे भारत एक्सप्रेस के साथ अन्य हाई-स्पीड ट्रेनों की टेस्टिंग की जाएगी। रेलवे ने दावा किया है कि इस टेस्टिंग ट्रैक प्रोजेक्ट के पूरा होने के साथ, भारत दुनिया में ऐसा पहला देश होगा, जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की टेस्टिंग फैसिलिटी होगी।
यह फायदा हुआ ट्रेन के नागपुर तक विस्तार से

नागपुर के लिए एक और सीधी कनेक्टिविटी

इंदौर से नागपुर के बीच 3 ट्रेनें हैं। इनमें नागपुर के लिए 2 सीधी ट्रेन और एक कोचुवेली एक्सप्रेस।

साउथ के लिए कनेक्टिविटी मिल रही

इधर वंदे भारत ट्रेन को नागपुर तक चलाने का लाभ क्षेत्र के यात्रियों को मिलने लगा है। इंदौर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन नवंबर में बुकिंग के लिहाज से काफी अच्छी रही। दिसंबर के पहले सप्ताह में भी ट्रेन में सभी सीटें फुल रहीं। आगे भी ट्रेन में वेटिंग है। भोपाल से नागपुर तक विस्तार के बाद न सिर्फ रेलवे बल्कि यात्रियों के लिहाज से भी यह फायदेमंद रही। नागपुर से अब आगे यात्रियों को साउथ के लिए भी कनेक्टिविटी आसानी से मिल रही है।

9 अक्टूबर से ट्रेन इंदौर से नागपुर तक चलना शुरू हुई। ट्रेन के विस्तार के बाद से पहले ही दिन से यात्री संख्या बढऩा शुरू हुई। लगातार बढ़ रही यात्री संख्या के बाद इसे रविवार को चलाने की मांग की गई है। आने वाले समय में रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में स्लीपर के कोच भी जोड़ेगा। ऐसे में इंदौर-भोपाल ट्रेन में भी स्लीपर के कोच जोड़े जा सकते हैं।

वंदे मेट्रो ट्रेन में है ये खास बात

वंदे मेट्रो 100 किलोमीटर से कम दूरी वाले शहरों के बीच चलेगी।

यह वंदे भारत एक्सप्रेस का कम दूरी का ही वर्जन है।

इस ट्रेन में मेट्रो की तरह ही आठ कोच होंगे। सामान्य वंदे भारत ट्रेनों में 16 कोच होते हैं।

ट्रेन एक रूट पर दिन में 4 से 5 बार चलेंगी।

यह ट्रेन यात्रियों को रैपिड शटल जैसा अनुभव प्रदान करेगी।

यात्री वल्र्ड क्लास परिवहन सुविधा का लाभ ले सकेंगे।

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