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लापरवाही: ऐसा है शहर का ट्रैफिक, बाहर से आने वाले यात्री होते हैं परेशान

ऑटो चालक डाल रहे उपभोक्ताओं के जेब पर डाका, न मीटर लगे ना ही रेट लिस्ट

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:ऑटो चालकों की ओर से सवारियों से वसूले जाने वाले मनमाने किराए को लेकर परिवहन विभाग ने कुछ समय पहले रेट लिस्ट और मीटर लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इतना लंबा समय बीतने के बाद भी न रेट लिस्ट लगाई गई और न ही किसी ऑटो में मीटर लगे। ऐसे में स्थानीय समेत बाहर से आने वाले यात्रियों को ऑटो चालकों की मनमानी का शिकार होना पड़ रहा है।

शहर में हजारों ऑटो रिक्शा बिना नंबर और मीटर के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी इन ऑटो चालकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते। ऑटो चालकों द्वारा मनमाना किराया वसूली से उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डाला जा रहा है। इस मामले में जिम्मेदार विभागों की बेपरवाही का आलम यह है कि आरटीओ से लेकर नाप तौल विभाग तक एक दूसरे को कार्रवाई करने की बात करते हैं।

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इधर बिना मीटर लगवाए ही ऑटो चालक बेखौफ ऑटो चला रहे है। मीटर लगवाने की बात पर परिवहन विभाग का कहना है कि नापतौल विभाग से सत्यापन का प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही रजिस्ट्रेशन होता है। वहीं नापतौल विभाग के अधिकारी का कहना है कि ऑटो में मीटर लगा है या नहीं, इसको चेक करने का काम परिवहन विभाग का है।

आदेश का पालन नहीं

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जबलपुर हाईकोर्ट ने साल 2015 में आदेश दिया कि प्रदेश के सभी जिलों में संचालित ऑटो में किराया माप के लिए मीटर लगाए जाएं। जिससे ऑटो ड्राइवर सवारियों से मानमाना किराया न वसूल सकें। इस आदेश का पालन करने के निर्देश गत वर्ष पुन: जारी किए गए थे। इसके बाद नापतोल विभाग ने पंजीकृत ऑटो में अधिककृत कंपनियों के मीटर का सत्यापन प्रारंभ भी किया था।

अभियान कुछ दिन चला और शहर के चंद ऑटो में मीटर स्थापित किए गए। अनेक ऑटो में मीटर नहीं लगें हैं। सबसेे खास बात यह है कि आदेश के बाद भी जिला परिवहन विभाग द्वारा बिना मीटर लगे ऑटो गाडिय़ों के परमिट जारी किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने मीटर लगाने के लिए नापतौल विभाग को आदेश दिए थे। इस संबंध में नापतौल विभाग के अधिकारियों के पास इसके लिए कोई प्लान नहीं है।

ऑटो नहीं चला सकते

सड़कों पर दौडऩे वाले ऑटो में मीटर लगा होना अनिवार्य है। बगैर मीटर लगाए कोई भी चालक सड़क पर ऑटो नहीं चला सकता है। मीटर के आधार पर ही यात्री से किराया ले सकता है। इसके बाद भी शहर में बिना मीटर लगे ऑटो चल रहे हंै। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत बिना किराया मीटर के ऑटो चालकों को परमिट जारी नहीं किए जा सकते हैं। विभाग है कि इस पर ध्यान ही नहीं देता है।

ई-रिक्शा पर रेट लिस्ट नहीं

ऑटो रिक्शा की तरह ही ई-रिक्शा के संचालन के लिए नियम है,लेकिन पालन नहीं होता है। ई-रिक्शा संचालन मैजिक की तरह अलग-अलग स्थानों की सवारियों को बैठाते है। किराया भी अपनी मर्जी और सुविधा अनुसार सवारी के मान से वसूलते हैं। इनकी मनमानी पर रोक के लिए कुछ दिनों पहले ही यातायात पुलिस ने आदेश जारी किए थे कि ई-रिक्शा संचालक अपने वाहनों पर रेट लिस्ट अनिवार्य तौर लगाए। इसका पालन नहीं हो रहा है। यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किया जा रहा है। ई-रिक्शा संचालकों की इस मनमानी का शिकार सबसे अधिक बाहर से आने वाले यात्री होते है।

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