इंदौर की बंद पड़ी प्रसिद्ध हुकुमचंद मिल के मजदूरों के लिए बड़ी और अच्छी खबर आयी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मजदूरों हित में बड़ा फैसला करते हुए 464 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है, जिसे मजदूरों की बकाया राशि के तौर पर दी जाएगी.
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज भोपाल में नगरीय प्रशासन विभाग की बैठक ली. इसमें ये फैसला लिया गया. उन्होंने कहा इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को उनका बकाया पैसा दिया जाएगा. सीएम ने फाइल पर दस्तखत कर दिए. मजदूरों के भुगतान के लिए 464 करोड़ रुपए की राशि को मंजूरी दे दी है. आपको बता दें मजदूरों का दो दशकों से भुगतान लंबित था, लंबे समय के बाद पुरानी मांग पूरी हुई है. अब मजदूरों के संघर्ष और तमाम कोर्ट केस के बाद भुगतान मिलेगा.
हुकमचंद मिल का मामला करीब तीन दशक से न्यायालय में चल रहा है। वर्ष 2007 में हाई कोर्ट ने मिल मजदूरों के पक्ष में 229 करोड़ रुपये का मुआवजा स्वीकृत किया था। मजदूरों को यह राशि मिल की जमीन बेचकर दी जाना थी, लेकिन जमीन बिक नहीं पाई।
हाल ही में नगर निगम और मप्र गृह निर्माण मंडल ने मिल की जमीन पर संयुक्त रूप से आवासीय और व्यावसायिक प्रोजेक्ट लाने को लेकर सहमति जताई है। मंत्रिपरिषद की बैठक में इस पर मुहर भी लग चुकी है। चुनाव आचार संहिता के कारण यह मामला अटका हुआ था। नई सरकार बनते ही नए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने फाइल पर हस्ताक्षर कर दिए। अब मजदूरों को राशि मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलेगी बकाया राशि।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलने वाली ₹464 करोड़ की बकाया राशि से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति प्रदान की।@DrMohanYadav51 pic.twitter.com/4AJTk0ZtEL
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 19, 2023