शहर में कार्रवाई… निगम सीमा से बाहर के लिए स्पष्ट आदेश की दरकार

मांस विक्रय प्रतिबंध का मामला : ग्राम पंचायतों में दुकानों का संचालन
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुले में मांस-मछली के विक्रय पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम शहरी क्षेत्र में सक्रिय भी हो गई है।
शहर में कार्रवाई भी हुई, लेकिन नगर निगम सीमा के एकदम करीब पडऩे वाले ग्राम पंचायत क्षेत्र के लिए स्पष्ट आदेश नहीं होने से खुले में न तो मांस की बिक्री बंद हुई और ना ही दुकानों में पर ताले लगे। जिला और जनपद पंचायत के अधिकारियों को कहना है कि इस संबंध में इनके पास कोई नियम नहीं है। वहीं जानकारी का भी अभाव है।
कार्रवाई सिर्फ शहरी क्षेत्र तक
मुख्यमंत्री का आदेश थे कि पूरे प्रदेश में खुले में मांस-मछली नहीं बिकना चाहिए। इनके आदेश पर नगरीय निकायों की टीमों ने अभियान शुरू किया। शहर से चंद कदम दूर के ग्राम पंचायत के दायरे में आने वाले क्षेत्रों से प्रशासन को इससे कोई मतलब नहीं कि खुले में मांस बिक रहा है।
नगर निगम सीमा से बाहर दुकानों पर खुलेआम मांस-मछली बिक रही है। नगर निगम सीमा से बाहर इंदौर,देवास,आगर,मक्सी,बडऩगर और नागदा रोड पर शहर से बाहर २ से ३ किमी दूर के अनेक इलाके ग्राम पंचायतों में आते है। ऐसे स्थानों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। दरअसल इस तरह के मामले में अव्वल तो ग्राम पंचायत के पास कोई अधिकार नहीं है। अमले को नियम की जानकारी भी नहीं है। पंचायत क्षेत्र के जानकारों के अनुसार ग्राम पंचायत क्षेत्र की व्यवस्थाओं के संचालन के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग से अलग ग्रामीण विकास विभाग,पंचायत विभाग के अधिकार,नियम और कर्तव्य है।
आदेश भी निकायों के लिए
खुले में बिना अनुमति पत्र या लायसेंस शर्तों के उल्लंघन कर पशु मांस,मछली के विक्रय पर प्रतिबंध में लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय द्वारा समस्त आयुक्त नगर पालिका निगम,समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारी,नगर पालिका परिषद/नगर परिषद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा जारी आदेश में बगैर लायसेंस पशु मांस तथा मछली के विक्रय प्रतिबंध के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम,१९५६ की धारा २५३,२५४ तथा २५५ एवं नगरपालिक अधिनियम,१९६१ की धारा २६८ एवं २६९ केे प्रावधान का उल्लेख किया गया है। ऐसे में ग्राम पंचायत वह क्षेत्र जो नगर निगम,नगर पालिका,नगर परिषद की सीमा से बाहर है,वहां कौन कार्रवाई कर सकता है यह स्पष्ट नहीं है। नतीजतन ग्राम पंचायतों में फिलहाल कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। इस मामले में जिला पंचायत के सीईओ मृणाल मीणा,परियोजना अधिकारी अजय भालसे से संपर्क किया गया,लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।









