Advertisement

अधूरा है हस्तशिल्प मेला… जिला पंचायत की लापरवाही

मेले में नहीं पहुंचे अन्य राज्यों के व्यापारी….

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:कालिदास अकादमी परिसर में जिला पंचायत द्वारा आयोजित हस्तशिल्प मेला फिलहाल अधूरा है। जिला पंचायत की गफलत के कारण कई व्यापारी अपने व्यवसाय को संचालित नहीं कर पाए हैं। मेले के शुभारंभ की तारीख के हेरफेर ने व्यापारियों को परेशानी में डाल दिया है।

 

2 सेक्टर खाली, एक में मेला

Advertisement

हस्तशिल्प मेले को 3 सेक्टर – ए, बी, सी में बांटा गया है। फिलहाल ए सेक्टर में ही सजावट देखी जा रही है। बी और सी दोनों ही सेक्टर खाली नजर आ रहे हैं। दोनों सेक्टरों में फूड जोन, हस्तकला सामग्री, मनोरंजन के रूप में लगने वाले झूले व अन्य साधन के साथ अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारी अपना व्यवसाय संचालन करेंगे।

दरअसल जिला पंचायत की ओर से पहले व्यापारियों को सूचना दी गई थी कि हस्तशिल्प मेले मे व्यापारी अपने व्यवसाय के संचालन की शुरुआत 22 दिसंबर तक करें, बाद में व्यापारियों को सूचना दी गई की 26 दिसंबर को मेले का शुभारंभ होगा। इसी बीच 23 दिसंबर को जिला पंचायत में मेले का शुभारंभ करवा दिया।

Advertisement

23 दिसंबर को शुभारंभ की जानकारी व्यापारियों को 22 दिसंबर को दी गई। ऐसे में दूरदराज से आने वाले व्यापारी हस्तशिल्प मेले में समय पर शामिल नहीं हो सके। हस्तशिल्प मेला अभी ए सेक्टर में ही संचालित हो रहा है।

भारतीय परिधानों के साथ हस्तकला की प्रतिभा

ए सेक्टर में संचालित हो रहे हस्तशिल्प मेले में भारतीय परिधानों की अलग-अलग झलक नजर आ रही है। साड़ी, सलवार सूट, जैकेट, वह हाथों से बने अन्य डिजाइन के वस्त्रों के साथ भैरवगढ़ प्रिंट का अच्छा कलेक्शन देखने को मिल रहा है। आर्ट मेटल हैंडीक्राफ्ट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। राजस्थानी संस्कृति और आदिवासी कल्चर के साथ ही आस्था के प्रतीक देवी-देवताओं की प्रतिमाएं लोगों का मन मोह रही है।

हस्तशिल्प मेले में सांस्कृतिक आयोजन के रूप में यहां प्रतिभा संगीत कला संस्थान की नृत्यांगनाओं ने पारंपरिक भारतीय संगीत पर अपनी कई प्रस्तुति दी। भारतीय नाट्य और संगीत के समावेश का तालमेल उपस्थित दर्शकों को रोमांचित करते रहा। फिलहाल हस्तशिल्प मेले की रंगत को जमने में दो-तीन दिनों का समय लगेगा। जिला पंचायत व्यापारियों से संपर्क कर रहा है और उन्हें अपने व्यवसाय को संचालित करने का कह रहा है।

हमें पहले मेले के शुभारंभ की तारीख 22 दिसंबर बताई गई थी और बाद में 26 दिसंबर को फिर अचानक मेले का शुभारंभ 23 दिसंबर को कर दिया गया। इस कारण अन्य राज्यों के व्यापारी मेले में नहीं पहुंच पाए।-विजय पाल सिंह हैंडीक्राफ्ट व्यापारी

22, 26 और 23 दिसंबर के फेर में व्यापारी समझ नहीं पा रहा था कि हस्तशिल्प मेले के शुभारंभ की सही तारीख क्या है। जो व्यापारी आसपास के थे वह मेले में अपना व्यवसाय संचालित कर चुके हंै। अन्य राज्यों के व्यापारी अभी मेले में नहीं पहुंचे हैं। -मोहम्मद यासीन एवं हिना बी गंगा स्वसहायता समूह

Related Articles