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महाकाल मंदिर परिसर विस्तारीकरण की खुदाई में निकले पुरातन मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू…

पुरातनकाल में जैसा था उसी प्रकार बनाएंगे, 1000 वर्ष से अधिक पुराना था

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकालेश्वर मंदिर परिसर का विस्तारीकरण कार्य लंबे समय से चल रहा है। परिसर विस्तार के लिए ओंकारेश्वर मंदिर के सामने का पुराना निर्माण और भवनों को हटाने के दौरान हुई खुदाई के दौरान यहां से करीब 1000 वर्ष पुराना परमारकालीन मंदिर निकला था जिसे अब पुरातनकाल के अनुसार ही बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
ऐसे मिला था प्राचीन मंदिर

 

मंदिर परिसर विस्तार के लिए महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा निर्माण एजेंसी प्राधिकरण को बनाकर ठेकेदार के माध्यम से काम शुरू कराया गया था। कार्य शुरू होने से पहले मंदिर के सामने स्थित मकानों का अधिग्रहण किया गया इसके बाद पुराने निर्माणों को तोड़कर खुदाई कार्य प्रारंभ हुआ। यहां स्थित पुलिस चौकी, प्रोटोकॉल कार्यालय के भवनों को तोडऩे के साथ ही प्राचीन सतीमाता मंदिर को भी परिसर के जूना महाकाल के सामने स्थापित किया गया। करीब 50 फीट गहरी खुदाई के दौरान यहां से अनेक शिवलिंग, मूर्तियां, मंदिर के पत्थर आदि मिले। इसी दौरान प्राचीन मंदिर भी मिट्टी में दबा मिला।

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पहले भी हो चुका इस तरह निर्माण

महाकाल थाने और पुराने महाराजवाड़ा स्कूल के पास से जाने वाले सीढिय़ों के रास्ते को भी स्मार्ट सिटी द्वारा पुन: निर्माण करवाया गया है। इस दौरान भी पुरातत्व विशेषज्ञों की सलाह लेने के बाद रास्ते और दीवार के पत्थरों पर नंबरिंग करने के बाद आसपास की मिट्टी को हटाकर पुरातन निर्माण शैली के आधार पर मार्ग का पुनर्निर्माण कराया गया था अब मंदिर के निर्माण भी भी उसी तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

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दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने की थी जांच

खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष मिलने पर कुछ समय के लिये प्रशासन द्वारा खुदाई का काम रोककर पुरातत्व विशेषज्ञों को बुलाया गया था। विशेषज्ञों की टीम ने मशीनों से खुदाई रुकवाकर पत्थरों और मंदिर की बनावट का जायजा लिया जिसमें यह बात सामने आई थी कि यह मंदिर परमारकालीन हो सकता है। इसे मजदूरों की मदद से खुदवाया जावे ताकि बनावट को क्षति न पहुंचे।

पत्थरों पर नंबर डाले, सहेज कर एकत्रित कर रहे

पुरातन महत्व के मंदिर का पूरा स्ट्रेक्चर सामने आने के बाद ठेकेदार द्वारा इसको छोड़कर आसपास के अन्य निर्माण कार्य पूर्ण किए गए। वर्तमान में विस्तारीकरण का अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुका है और अब यहां लाइट फिटिंग व डेकोरेशन का काम चल रहा है। ऐसे में मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य भी शुरू करा दिया गया है। मजदूरों द्वारा मंदिर के स्ट्रक्चर में लगे पत्थरों पर आईल पेंट से नंबरिंग की गई है। एक-एक पत्थर को सहेज कर रखा जा रहा है। तीन स्टेप वाले इस मंदिर के पत्थरों को पुन: उसी स्थान पर प्राचीन निर्माण शैली के अनुसार ही लगाया जाएगा।

आक्रांताओं ने तोड़े थे मंदिर

महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार के लिये की गई खुदाई के दौरान अनेक पुरातन प्रतिमाएं भी निकलीं थी इन मूर्तियों के चेहरे खंडित थे। पुरातत्व विशेषज्ञों का कहना था कि आक्रांताओं ने मंदिरों में तोडफ़ोड़ करने के साथ ही मूर्तियों को खंडित किया था। संभवत: उसी काल में मंदिर को भी तोड़ा गया होगा।

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