कहां गया 60 करोड़ रु. का एलिवेटेड कॉरिडोर…?

By AV News 1

नगर निगम ने पिछले बजट में किया था प्रावधान

सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई पिछली योजना

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन नगर निगम ने पिछले बजट में महाकाल मंदिर जाने और देवासगेट रेलवे स्टेशन तक लोगों की सुविधा के लिए 60 करोड़ रुपयों से एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की जो योजना बनाई थी, वह धरातल पर उतर ही नहीं सकी, बल्कि कागजों में ही कैद होकर रह गई। निगम ने दो कॉरिडोर बनाने का सपना लोगों को दिखाया था, लेकिन एक भी बनना तो दूर, उसकी योजना तक तैयार नहीं हो सकी।

नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2024_25 के लिए नया बजट तैयार कर लिया है। इसे अभी निगम परिषद से पारित किया जाना बाकी है। पिछले बजट (वर्ष 2023-24) के बजट में निगम ने 60 करोड़ की लागत से एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया था। शहर के ट्रैफिक प्लान में आए सुझाए पर यह निर्णय लिया गया था। स्मार्ट सिटी ने एलिवेटेड कॉरिडोर की डीपीआर भी तैयार कर ली थी और इस सिलसिले में शासन से भी पत्र व्यवहार किया गया था। इसी के बाद निगम ने एलिवेटेड कॉरिडोर को बजट में शामिल किया था। एक एलिवेटेड कॉरिडोर नानाखेड़ा से महाकाल मंदिर और दूसरा रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक बनाने की योजना थी। साल बीत गया लेकिन यह योजना डीपीआर से बाहर निकल नहीं सकी।

टेंडर भी निकल नहीं सका

कॉरिडोर के लिए टेंडर लगाने की तैयारी हो गई थी, लेकिन वह भी अधर में पड़ गया। स्मार्ट सिटी ने योजना तो बना दी, लेकिन इस पार आगे काम नहीं हो सका। निगम के जिम्मेदारों का कहना है कि एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए सरकार से बजट मांगा गया था, लेकिन वह मिल नहीं सका। इस कारण भी योजना केवल कागजी मशक्कत तक ही सिमट कर रह गई। इस साल के बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। निगम परिषद के सम्मेलन में इसको लेकर विपक्ष का विरोध जरूर सामने आ सकता है।

कहां हुई चूक

  • एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना में ये बड़ी चूक रह गईं।
  • निगम को पहले अपनी आर्थिक स्थिति का आंकलन करना था।
  • केंद्र या राज्य सरकार पर निर्भर होकर योजना बनाने से बचना चाहिए।

सिंहस्थ मद में शामिल होगी योजना

एलिवेटेड कॉरिडोर की योजना को सिंहस्थ मद में शामिल करने की तैयारी चल रही है। इसके बाद ही योजना आकार ले सकेगी।
मुकेश टटवाल, महापौर

नाली नहीं बन रही, कॉरिडोर कैसे बनाएंगे?

मामले में कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी का कहना है कि नगर निगम के माध्यम से इस बार नाली ही नहीं बन पा रही तो 60 करोड़ के कॉरिडोर कैसे बनाएंगे। इस बार बोर्ड साफ सफाई ही ठीक से नहीं करा पा रहा।

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