बच्चों को सिर्फ प्यार करने से उनका भविष्य नहीं संवरता इन बातों का भी रखें ध्यान

By AV News

हर माता-पिता को अपने बच्चों से प्यार होता है लेकिन सिर्फ बच्चों को प्यार करने से उनका भविष्य नहीं संवरता। माता-पिता बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उन्हें अच्छे स्कूलों में भेजते हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा तो मिल जाती है लेकिन कठिन परिस्थितियों से लड़ने का हुनर उन्हें स्कूल में सीखने को नहीं मिलता।

किताबी ज्ञान से अलग जिम्मेदारी का पाठ बच्चों को घर पर माता-पिता ही सिखा सकते हैं। माता-पिता ही उन्हें हर मुसीबत के लिए बचपन से तैयार कर सकते हैं। इसके लिए माता पिता को बच्चों में छोटी उम्र से ही ऐसी आदतें डालनी चाहिए कि वह जब बाहर की दुनिया और किसी मुश्किल में हों तो वह धैर्य के साथ उसका सामना कर सकें। बच्चों को जिम्मेदारी का अहसास बचपन से कराना चाहिए।

सिखाएं समय की कद्र

बच्चे अक्सर ही अपने समय की कद्र नहीं करते हैं जिससे ना उनका होमवर्क कभी पूरा रहता है, ना वे कुछ सीख पाते हैं और ना ही समय पर सोते या जागते हैं. माता-पिता को बच्चे को समय की कद्र करना सिखानी चाहिए जिससे बच्चा टाइम मैनेजमेंट (Time Management) करना सीख सके. कब खाना है, कितनी देर खेलना है, किस समय पढ़ाई करनी है इसका जिम्मा बच्चे को दें और देखें कि वह किस तरह टाइम मैनेजमेंट समझता है और करता है.

बच्चे को दें प्रोत्साहन

बच्चे कई बार समझ नहीं पाते कि वो जो कुछ काम कर रहे हैं वो सही है या नहीं. इससे वे हमेशा ही उलझन की स्थिति में और डरे-डरे रहते हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चे को प्रोत्साहन देना चाहिए. जब बच्चे कुछ काम करते हैं तो पैरेंट्स का उन्हें बताना कि वह बिल्कुल सही कर रहे हैं, बच्चे में उत्साह भर देता है. बच्चे बेहतरी की ओर बढ़ने लगते हैं.

बच्चे की स्ट्रेंथ पर दें ध्यान

बच्चे की कमजोरियों को उजागर करते रहने के बजाय उसकी स्ट्रेंथ पर ध्यान दें. बच्चा जिस काम में अच्छा है उसे उसी काम में कुद को निपुण करने के लिए कहें. बच्चे जिस काम में अच्छे होते हैं उसे पूरी लगन के साथ करते भी हैं.

पर्सनल ग्रोथ पर ध्यान दें

माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि हर बच्चा अलग है. बच्चे की पर्सनल ग्रोथ  पर ध्यान दिया जाए तो बच्चा अपने आप को और बेहतर कर सकेगा. माता-पिता बच्चे की पर्सनल ग्रोथ के लिए उसे उसकी पसंद की किताबें दिला सकते हैं, नाटक वगैरह दिखाने ले जा सकते हैं या फिर उसकी कम्यूनिकेश स्किल्स बेहतर करवाने के लिए कोई क्लास या वर्कशॉप में भेज सकते हैं.

बात करना बनाएं आसान

माता-पिता और बच्चे आपस में अपनी बात साझा कर सकें यह बेहद जरूरी है. पैरेंट्स को बच्चे को वो कंफर्ट जोन देना चाहिए जिसमें बच्चे अपने मन की बात अपने पैरेंट्स से साफ-साफ कह सकें. यह आपसी रिश्ते के लिए भी अच्छा साबित होता है और बच्चे भी अपने माता-पिता को बेहतर तरह से समझ पाते हैं.

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