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शिप्रा में नर्मदा और कान्ह का पानी मिलाकर कर रहे स्टोर

लेवल बढऩे पर स्टॉपडेम के ओवरफ्लो गेट से बह रहा पानी

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन कान्ह का दूषित पानी शिप्रा नदी में मिलने से रोक पाना फिलहाल संभव नजर नहीं आ रहा। यही कारण है कि त्रिवेणी से कान्ह का दूषित पानी और पाइप लाइन से आ रहे नर्मदा के पानी को शिप्रा नदी में स्टोर किया जा रहा है और लेवल बढऩे पर स्टॉपडेम की प्लेटें खोलकर पानी आगे बहाया जा रहा है।

 

महाशिवरात्रि पर्व पर शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं को नर्मदा के स्वच्छ पानी में स्नान कराने का दावा करने वाले पीएचई अफसर अब कान्ह के दूषित पानी को साफ बताने के लिए त्रिवेणी स्टॉपडेम से नर्मदा का साफ पानी पाइप लाइन से नदी में बहा रहे हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा मकर संक्रांति पर त्रिवेणी स्थित कान्ह पर बनाया गया मिट्टी का स्टॉपडेम पिछले माह ही टूट गया था। कान्ह में लगातार स्टोर हो रहे दूषित पानी के दबाव को उक्त मिट्टी का स्टॉपडेम उठा नहीं पाया था।

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यही दूषित पानी सीधे शिप्रा नदी में मिलना शुरू हो गया और स्थिति यह रही कि त्रिवेणी से बहकर कान्ह का दूषित पानी गऊघाट, भूखी माता से होते हुए रामघाट बड़े पुल तक स्टोर हो गया। अब स्थिति यह है कि मिट्टी के स्टॉपडेम को पुन: नहीं बनाया जा सकता और कान्ह के दूषित पानी को शिप्रा नदी में मिलने से रोकने का कोई विकल्प अफसरों के पास नहीं ऐसे में नर्मदा का पानी पाइप लाइन से लेकर त्रिवेणी पर शिप्रा नदी में मिलाया जा रहा है। कान्ह और नर्मदा का पानी बहकर रामघाट तक स्टोर हो रहा है। लगातार पानी स्टोर होने के कारण शिप्रा नदी की दत्त अखाड़ा रपट भी डूब गई है और बड़े पुल के पास स्टॉपडेम के गेट ओवरफ्लो की स्थिति में 8 इंच खोलकर पानी को आगे बहाया जा रहा है।

रामघाट पर बढ़ा पानी का लेवल

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देशभर से उज्जैन दर्शन के लिए आने वाले अधिकांश श्रद्धालु रामघाट पहुंचकर शिप्रा नदी में स्नान करते हैं। कान्ह और शिप्रा का पानी लगातार शिप्रा में आने के कारण रामघाट और दत्त अखाड़ा घाट के बीच छोटी रपट पानी में डूब चुकी है। श्रद्धालु इसी पानी में स्नान भी कर रहे हैं।

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